भाजपा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाएगी या नहीं, राजनीति में होते उलटफेर

मध्य प्रदेश की भाजपा की राजनीति में करीब साढ़े तीन दशक से जमे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश की राजनीति का पहिया अब थमने जैसा लगने लगा है और विधानसभा चुनाव 2023 में उनके प्रत्याशी बनाए जाने या नहीं बनाने को लेकर भी चर्चाएं होने लगी हैं। प्रदेश की इस राजनीतिक उलटफेर पर पढ़िये यह रिपोर्ट।

करीब साढ़े तीन दशक हो गया जब शिवराज सिंह चौहान पांव-पांव वाले भैया के रूप में पहचाने जाते थे। उनका राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता युवा मोर्चा से होता हुआ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तक आकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आ गया है लेकिन अब उसमें विराम आता नजर आ रहा है। उनकी लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन और लाड़ली बहना योजनाओं के सहारे भाजपा मध्य प्रदेश में अब तक चलती रही है लेकिन कुछ दिनों में ही पार्टी को अब प्रदेश में पांचवीं बार सरकार बनाने में उनके चेहरे से परहेज सा होने लगा है। सोमवार को भाजपा ने विधानसभा चुनाव की जो दूसरी सूची जारी की, उसमें बड़े नामों को आगे लाकर इस चर्चा को शुरू करने का मौका दे दिया है कि कहीं शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश की राजनीतिक पारी यहीं खत्म तो नहीं होने वाली है।
79 प्रत्याशियों का ऐलान, पर बुदनी से दूरी
भाजपा ने अब तक तीन सूचियों में 79 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है जिनमें से 77 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था। सीधी और नरसिंहपुर विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को बदला है। सीधी विधायक केदार शुक्ला को पेशाबकांड की वजह से टिकट से वंचित होना पड़ा है तो नरसिंहपुर में जालमसिंह पटेल को उनके भाई केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को टिकट दिए जाने से प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। सोमवार के बाद मंगलवार को अमरवाड़ा की एकमात्र विधानसभा सीट पर प्रत्याशी मोनिका बट्टी का नाम घोषित किया गया मगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुदनी पर चौहान होंगे प्रत्याशी या कोई और यह पार्टी ने अभी सस्पेंस बनाकर रखा है।
पूर्व के चुनाव से यह चुनाव अलग
विधानसभा चुनाव 2023 भाजपा में पूर्व के चुनावों से अलग दिखाई दे रहा है। कुछ सालों के भीतर केंद्रीय नेतृत्व की निगाहें मध्य प्रदेश पर ज्यादा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के लगातार दौरे हो रहे हैं। चुनाव पर नजर रखने के लिए केंद्रीय मंत्रियों की टीम डेरा डाले है। यही नहीं कुछ समय से पीएम मोदी हो या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रदेश में सीएम चेहरे के लेकर अपने भाषण में उल्लेख करने से बच रहे हैं और भाजपा को जिताने की बातें की जा रही हैं।
सात सांसदों को उतारकर दूसरा संकेत
तीन केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल व फग्गन सिंह कुलस्ते सहित सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने के पार्टी के फैसले से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश की राजनीति से दूर करने के प्रयास भीतर ही भीतर चल रहे हैं। जिन सांसदों को टिकट दिया गया है उन सभी के नाम जब भी प्रदेश में सीएम परिवर्तन की बात चलती है तो चर्चा भी रहते आए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today