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इंदौर की घटना के बाद कांग्रेस ने दिल्ली से भेजे आठ नए मीडिया इंचार्ज, कई मोर्चों पर पार्टी उलझन में

कांग्रेस मध्य प्रदेश में अभी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर उलझी हुई है। मगर इसके बीच इंदौर में जिस तरह पीसीसी चीफ कमलनाथ का पत्रकारों के साथ विवाद हुआ, उसके बाद दिल्ली को एकबार फिर मीडिया से समन्वय बैठाने के लिए अपने नुमाइंदे भेजने पड़ रहे हैं। आठ नुमाइंदों की नियुक्तियां की गई हैं। हालांकि करीब डेढ़ महीने पहले भी यह नियुक्तियां की गई थीं लेकिन उसे पूरी तरह बदल दिया गया है। पढ़िये रिपोर्ट।
विधानसभा चुनाव की तारीखें अगले महीने किसी भी दिन निर्वाचन आयोग घोषित कर सकता है और उसके पहले भाजपा अपने प्रत्याशी चयन में जिस तेजी से काम कर रही उससे लगता है कि हारी हुई सीटों के अलावा उसके मौजूदा विधायकों वाले विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी भी घोषित करना शुरू कर देगी। 39-39 प्रत्याशियों की दो सूचियों के बाद भाजपा ने अमरवाड़ा विधानसभा में हाल ही में पार्टी में शामिल हुई पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी की बेटी मोनिका को भी प्रत्याशी घोषित कर दिया है। भाजपा के अब तक 79 प्रत्याशियों का ऐलान हो चुका है लेकिन कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के चयन के मामले में उलझी ही हुई है। प्रत्याशी चयन के साथ कांग्रेस चुनाव की कमेटियों में नेताओं के नाम जोड़ने से लेकर मीडिया समन्वय के काम को अंजाम देने में भी सही फैसले नहीं ले पा रही है।
देखिये कुछ उदाहरण जिनसे अंदाज लगता है कैसे उलझी कांग्रेस
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति और स्क्रीनिंग कमेटियों का ऐलान किया था। स्क्रीनिंग कमेटी में वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर चौंकाने वाला नाम पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का नाम शामिल किए जाने के बाद दिल्ली से तीन नेताओं अरुण यादव, अजय सिंह और सुरेश पचौरी के नाम जोड़े गए थे। इसके बाद उपेक्षित चल रहे एक अन्य नेता जीतू पटवारी का नाम कांतिलाल भूरिया की अध्यक्षता में चुनाव अभियान समिति में सह अध्यक्ष के रूप में जोड़ा गया।इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के ऊपर दिल्ली से नेताओं की टीम को पांच अगस्त को बैठाया गया जिनमें प्रदेश के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे सहित यशोमति ठाकुर, अनंत पटेल और विंग कमांडर अनुपमा आचार्य के नाम भी थे। मगर इंदौर में कमलनाथ के साथ पत्रकारों से विवाद के बाद अब मीडिया की दिल्ली की टीम को एक नाम को छोड़कर पूरा बदल दिया गया है। विंग कमांडर अनुपमा को छोड़कर साथ नए नेताओं को प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर में मीडिया के साथ समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। जिन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है, उनमें रागिनी नायक, अमरीश रंजन पांडे को भोपाल, चरनसिंह सप्रा और हरीश चौधरी को इंदौर, आलोक शर्मा व चंद्रेश वर्मा को जबलपुर और सुरेंद्र सिंह राजपूत के साथ अनुपमा को ग्वालियर की जिम्मेदारी दी गई है।
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