पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती कुछ दिनों से एकबार फिर मुखर हो गई हैं। टिकिट वितरण से लेकर जन आशीर्वाद यात्राओं में आमंत्रण के बाद अब मुख्यमंत्री, मंत्रियों व नौकरशाहों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने तथा अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाकर पढ़ाने की बात कही है। पढ़िये भारती ने इस बार क्या कहा।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पिछले दिनों उनके नाम से विधानसभा चुनाव में उनके समर्थकों की 19 नामों की सूची के वायरल होने के बाद कहा था कि उनकी पार्टी नेतृत्व से अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए चर्चा हुई थी। वायरल सूची में शामिल नामों से अधिकांश नाम भी चर्चा में आए थे लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल सूची को लेकर उन्होंने खंडन किया था कि ऐसी कोई सूची पार्टी नेतृत्व को नहीं भेजी है। इसके बाद जन आशीर्वाद यात्रा के आमंत्रण पर भी भारती ने कहा था कि उन्हें जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल होने का कोई आमंत्रण नहीं मिला। अब भारती ने कहा कि यह कोई विषय नहीं है लेकिन साथ ही ट्विट कर कहा है कि मगर अब उन्हें जन आशीर्वाद में बुलाया जाता है या अंत में बुलाया जाता है तो वे शामिल नहीं होंगी।
सरकारी अस्पताल-स्कूलों को लेकर भारती का ट्वीट
भारती ने शादी पार्टियों के फाइव स्टार होटलों में आयोजनों को लेकर तंज कसा है कि ऐसे फिजूल खर्ची वाले आयोजन नहीं होना चाहिए। गांधी, दीनदयाल और मोदी की सीखों को अनदेखी नहीं करने की सलाह देते हुए उपरोक्त फिजूल खर्ची पर पूर्व मुख्यमंत्री ने हमला बोला था और आज उन्होंने सरकारी अस्पतालों में सीएम, मंत्रियों व अफसरों को इलाज कराने की सलाह दी। साथ ही अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाकर पढ़ाने को कहा है। सरकारी अस्पतालों व सरकारी स्कूलों की उन्होंने निजी अस्पतालों व निजी स्कूलों की व्यवस्थाओं में जमीन आसमान के अंतर को बताते हुए उन्होंने यह बात कही है।
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