भोपाल में अनुसूचित जाति और जनजाति के मामलों को लेकर आयोजित सेमीनार में डीजीपी आरके शुक्ला ने अदालत पर टिप्पणी की थी। इसको लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पुलिस महानिदेशक से दो दिन में जवाब मांगा है कि वे यह स्पष्ट करें कि टिप्पणी पुलिस विभाग की है या उनका अभिमत है। एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्शमुनि त्रिवेदी ने बयान में कहा है कि डीजीपी का बयान सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है। सेमीनार में उनका अदालत पर की गई टिप्पणी अदालत की अवमानना है। त्रिवेदी ने कहा कि डीजीपी के बयान पर मुख्यमंत्री ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है तो उन्होंने सीएम पर आरोप लगाया कि अदालत की अवमानना उनके सरंक्षण में किया गया। मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा है कि ऐसे बयान वर्ग युद्ध को भड़काने वाले माने जाने चाहिए और चुनाव प्रक्रिया के दौरान निष्पक्ष चुनाव नहीं करा पाएंगे। एसोसिएशन ने चुनाव आयोग से डीजीपी को हटाने की मांग की है।
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