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भारतीय रेलवे के लोको पायलट करेंगे 48 घंटे ON DUTY व OFF DUTY उपवास

भारतीय रेलवे के लोको पायलट करेंगे 48 घंटे ON DUTY व OFF DUTY उपवास

भारतीय रेलवे के लोको पायलट 17 जुलाई सुबह 9 बजे से 19 जुलाई सुबह 9 बजे तक 48 घंटे ON DUTY व OFF DUTY उपवास रखकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। लोको पायलट RAC 1980 के सुस्थापित और समय परखे हुए फॉर्मूले से किलोमीटर की दर की मांग, जो कि सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से 01.01.2016 से देय है, को घोषित करने में अनुचित देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।दुसरे रेलकर्मियों की भांति रेलवे के लोको पायलट और गार्डों को भी एक भत्ता दिया जाता है जिसे रनिंग भत्ता कहते हैं। इस भत्ते को इनकी वेतन के 30% तक के हिस्से और देय TA के हिस्से को मिलाकर बनाया जाता है। यह भत्ता ट्रेन संचालन की दूरी में तय किलोमीटर के हिसाब से RAC 1980 फार्मूला के अनुसार तय दर से दिया जाता है।

जब भी TA की दर संशोधित होती है या बढ़ाई जाती है, रनिंग भत्ते की दर भी RAC 1980 फॉर्मूले के अनुसार बढ़ाई जाती है। यह विधि पिछले 38 सालों तक अपनाया गयी जब भी TA या वेतन बढ़ा।
सातवें वेतन आयोग के भत्तों की रिपोर्ट 01.07.2017 से लागू की गयी। TA की संशोधित दर लोको पायलट के स्तर के दुसरे कर्मचारियों के लिए ₹800 घोषित की गयी जबकि इनका वेतन 01.01.2016 से बढ़ाया गया। किन्तु रेल प्रशासन रनिंग भत्ते की दर में संशोधन में अनुचित देरी कर रहा है जिससे रनिंग स्टाफ में रोष व्याप्त हो रहा है। AILRSA अलारसा ने इसके खिलाफ बहुत सारे धरना और प्रदर्शन किये लेकिन ये अभी तक नहीं दिया गया है। इसलिए यह भूख उपवास का कार्यक्रम एक निरंतर प्रदर्शन है अपने रनिंग भत्ते कि संशोधित दरो की मांग को पाने के लिए।

2. भारत सरकार की नीति के अनुसार 2016 से पहले और 2016 के बाद के सेवानिवृत्त रनिंग स्टाफ के पेंशन/पारिवारिक पेंशन में असमानता।

हम यह जानते हैं कि जो लोग स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहते है उनसे अक्सर सुनने को मिलता है कि वो वेतन आयोग का इन्तजार कर रहे हैं कारण कि अभी तक किसी भी वेतन आयोग ने पेंशनर्स के साथ न्याय नहीं किया। वेतन आयोग से पहले और बाद में सेवानिवृत्त हुए स्टाफ की पेंशन में एक बहुत बड़ा अंतर रहता है। इसलिए पेंशन में समानता की मांग पेंशनर्स की एक बहुत ही लंबित मांग है। OROP (एक रैंक एक पेंशन) का नारा और डिफेन्स पेंशनर्स का सालों का आंदोलन और संघर्ष ने पेंशन में समानता के लिए एक बदलाव को अंजाम दिया। केंद्र सरकार ने वेतन आयोग से पहले सेवानिवृत्त हुए कम पेंशन पाने वाले पेंशनर्स के साथ हो रहे इस अन्याय को दूर करने के लिए एक निर्णय लिया और इसे पाने के लिए 01.01.2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनर्स को पेंशन में समानता प्रदान करने के लिए उनके द्वारा अंतिम लिया गया वेतन को काल्पनिक दृष्टिसे (Notionlly) पुनर्निर्धारित करने का आदेश पारित किया और 01.01.2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए सभी 17 लाख केंद्रीय सरकार के पेंशनर्स को 01.01.2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए पेंशनर्स को समान पेंशन दी गयी किन्तु 24.01.2018 को रेलवे बोर्ड ने सरकार द्वारा जारी निर्देशों के खिलाफ रनिंग स्टाफ पेंशनर्स को और नीचे लाने की नियत के साथ भेदभावपूर्ण और विवादित निर्देश जारी किये। जिससे कि प्रत्येक सेवानिवृत्त रनिंग स्टाफ को प्रतिमाह ₹ 6000/- तक का नुकसान उठाना पड रहा है। यह रनिंग स्टाफ पेंशनर्स के साथ एक बहुत ही बड़ा कुठाराघात है और यह दोनों अन्याय के खिलाफ भारतीय रेल के संचालन को बाधित किये बिना सभी लोको रनिंग स्टाफ अपने अपने GM या DRM कार्यालय के सामने 17 जुलाई 2018 सुबह 9. 00 बजे से 19 जुलाई 2018 को सुबह 9.00 बजे तक 48 घंटे के लिए भूख उपवास पर जा रहा है। इस जुल्म के खिलाफ अपने छीने अधिकारों को प्राप्त करने का लोको रनिंग स्टाफ के पास और कोई तरीका नहीं है इसलिये ये भूख उपवास का निर्णय लिया गया है।

मांगे :

1. रनिंग भत्ते को RAC 1980 के फॉर्म्युले से शीघ्र निर्धारण किया जाये।
2. RBE 13/2018 के विसंगत आदेश में व्याप्त लोको रनिंग स्टाफ पेंशनर्स के लिए पेंशन में असमानता को सही किया जाये।

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