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दिग्विजय की नर्मदा परिक्रमा समाप्त होने के बाद अब मप्र की राजनीति में आएगा उबाल
छह महीने से बिलकुल शांत होकर नर्मदा परिक्रमा में लगे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के 10 अप्रैल के बाद औंकारेश्वर में बरमानघाट का नर्मदा का जल शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद बदले हुए तेवर के साथ सामने आ सकते हैं। इसका आभास बरमान घाट पर उनके मंत्रिमंडल के सदस्य रहे नर्बदाप्रसाद प्रजापति ने अपने मंच संचालन के दौरान महासचिव से संंत बने दिग्विजय के बदले स्वरूप को लेकर कई बार टिप्पणी भी की थी। उनकी राहुल गांधी से जल्द ही मुलाकात भी होने वाली है।दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा का बरमान घाट पर सोमवार को समापन हो गया जिसमें शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज गृहस्थ संत देवप्रभाकर महाराज दद्दा जी का सान्निध्य रहा। शंकराचार्य और संतों के समूह ने दिग्विजय सिंह को अपार आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि दूसरे किसी नदी की यात्रा या तीर्थदर्शन में झोली भरकर जाते हैं मगर लौटते हैं तो खाली रहती है मगर नर्मदा नदी की परिक्रमा लोग खाली झोली से करने निकलते हैं और झोली भरकर घर जाते हैं। यही कुछ उनकी पत्नी अमृता सिंह ने कहा। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी की परिक्रमा का पुण्य बांटा जा सकता है जबकि दूसरे तीर्थ या नदियों की यात्रा में ऐसा संभव नहीं है। मैं और मेरे पति नर्मदा परिक्रमा से मिले पुण्य को बांटना चाह रहे है।
परिक्रमा के समापन के मौके पर सांसद कमलनाथ ने प्रदेश की भाजपा सरकार के मखिया पर निशाना साधा और कहा कि नर्मदा के किनारे छह करोड़ जो वृक्ष लगाए गए थे उन्हें वे हेलीकॉप्टर से देख रहे थे तो कुछ नहीं दिखा। इसी तरह उन्होंने राज्य सरकार द्वारा नर्मदा घोटाला का खुलासा करने वालों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर कहा कि इस साल जो पौधरोपण होगा उसके घोटाले की यात्रा निकालने वाले को सरकार अब कैबिनेट मंत्री बना सकती है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि यहां से संकल्प लेकर जाएं कि आने वाले छह महीने में हमें प्रदेश का भविष्य सुरक्षित हाथों में देना है। अमृता सिंह ने नर्मदा परिक्रमा में नदी की हालत के बारे में बताया और कहा कि कई जगह नर्मदाजी गड्ढे में बदल गईं।
शंकराचार्यजी महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब वे भाजपा के प्रधानमंत्री प्रत्याशी बनाए गए थे तब वे गौमांस के निर्यात पर काफी चिंतित नजर आए थे। मगर आज भी गौमांस का आज भी उतना निर्यात हो रहा है। दिग्विजय सिंह ने न राजनीति की बात कही न धार्मिक। केवल अपने साथ 192 दिन नर्मदा परिक्रमा करने वाले लोगों का आभार माना। अपने गुरू शंकराचार्यजी महाराज को दीघार्यू होने की कामना की।
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