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दिव्यांग को मिला आगे बढ़ने का हौसला
बड़वानी जिले के ग्राम साली की कुमारी रोशनी भी यूँ तो आम बच्चों के समान ही जन्मी थी, लेकिन बचपन में पीठ पर गठान के कारण वह दोनों पैरों से नि:शक्त हो गई थी। इसके कारण उन्हें चलने-फिरने और स्कूल तक आने-जाने के लिये अपने पिता के सहारे की आवश्यकता पड़ती थी। कक्षा-12वीं में पढ़ रही रोशनी को आशा ग्राम संस्थान में संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से महाशिवरात्रि के दिन ही दोनों पैरों के कैलीपर्स बनाकर पहनाये गये हैं। रोशनी इन्हें पहनकर कुछ कदम ही सही, अपने पिता के बिना सहारे के भी चल रही है। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी प्रेक्टिस के बाद रोशनी कैलीपर्स के जरिये आम व्यक्ति की तरह चल सकेगी। रोशनी के पिता कैलाश गहलोत शासन की योजना के तहत लगभग 19 हजार रुपये मूल्य के नि:शुल्क कैलीपर्स पाकर खुश हैं। उन्हें विश्वास है कि उनकी बेटी अब आगे की पढ़ाई कर आत्म-निर्भर बनेगी। जन-सुनवाई में आयी दिव्यांग की माँग एक दिन में पूरी बड़वानी की आरफा शकूर की माँग जन-सुनवाई में एक दिन में पूरी हुई है। हुआ यूँ कि जन-सुनवाई में बड़वानी कलेक्टर से दिव्यांग आरफा ने व्हील-चेयर की माँग की, जो उन्हें तत्काल उपलब्ध करवाई गई। साथ ही उनके पैरों का नाप दिलवाकर एक सप्ताह में नये कैलीपर्स उपलब्ध करवाने को कहा गया है। इसके साथ ही कलेक्टर ने मोटरेट ट्राइसिकल का प्रस्ताव दिये जाने के निर्देश दिये हैं।
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