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आदिम जाति कल्याण विभाग की उपायुक्त को तीन साल की सजा
फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश कर पीएससी के माध्यम से आदिम जाति कल्याण विभाग में उपायुक्त बनने वाली आरोपी श्रीमती उषा अजय सिंह को न्यायाधीश वाचस्पति मिश्रा ने तीन वर्ष के सश्रम कारावास और चार हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण में शासन की ओर से अपर जिला लोक अभियोजक आनंद तिवारीने पैरवी की। श्रीमती उषा ने खंगार जाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र 9 मार्च 1993 को आयोजित पीएससी परीक्षा में पेश किया था। मामले की शिकायत एक पूर्व विधायक ने राज्य सरकार से की थी। आईएएस ऑफिसर देवराज बिरदी, श्रीमती सलीना सिंह और दीपाली रस्तोगी की राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने जांच के बाद जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था। पत्रकार जेएल मिश्रा ने अदालत में परिवाद पत्र दायर किया था।
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