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आजीविका मिशन से ग्रामीण महिलायें हुईं आत्म-निर्भर
बड़वानी जिले की ग्राम पंचायत पीपरी में श्री गणेश महिला आजीविका सिलाई केन्द्र की शुरूआत 10 ग्रामीण महिलाओं ने की थी। आज समूह में 75 से ज्यादा महिलाओं का परिवार बन गया है। समूह के गारमेंट सहित अन्य कार्यों में 200 से अधिक महिलाएं कार्य कर रही हैं। समूह में 1600 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
श्री गणेश महिला आजीविका सिलाई केन्द्र की महिला सदस्यों के लिये शुरू के तीन साल संघर्ष के रहे। इस दौरान छोटे-मोटे आर्डर लेकर काम किया। इंदौर से कपड़ा लाकर उसे सिल कर स्थानीय बाजार में बेचने का काम किया। फिर समूह को आईनोक्स कंपनी के कर्मियों के लिए यूनिफार्म बनाने का काम मिला। गत वर्ष स्वच्छता अभियान के लिए 50 हजार टी-शर्ट बनाने का और अब एक लाख टी-शर्ट बनाने का शासकीय आर्डर मिला है।समूह की कविता पाटिल, गायत्री मस्के, रेणुका देशमुख, सीमा वर्मा, साबिया खान आदि को अब काम के हिसाब से 15 हजार से 30 हजार रूपए प्रति माह तक आय हो रही है। आय बढ़ जाने के बाद गत दिनों समूह की महिलाओं ने अपना बीपीएल कार्ड भी तहसीलदार को वापस कर दिया है।इस महिला स्व-सहायता समूह के पास अब काम की कमी नहीं है। समूह द्वारा गारमेंट यूनिट संचालित की जा रही है। साथ ही पापड़, चिक्की, सेवाईयां, आलू चिप्स, अगरबत्ती और साबुन निर्माण का कार्य भी किया जाता है। अब ये ग्रामीण महिलायें पूरी तरह आत्म-निर्भर हो गई हैं।
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