मध्य प्रदेश में कर्मचारी भविष्य निधि में से उज्जैन जेल के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा कई साथियों की जीपीएफ की राशि निकालकर हजम करने के बड़े घोटाले में अब वित्त विभाग ने प्रभावित जेल कर्मचारियों के खातों में वापस राशि डालने को मंजूरी दे दी है। वित्त विभाग ने पांच करोड़ 66 लाख से ज्यादा की राशि को वापस जीपीएफ एकाउंटों में डालने को स्वीकृति देकर कर्मचारियों को राहत प्रदान की है। पढ़िये रिपोर्ट।
करीब छह महीने पहले उज्जैन सेंट्रल जेल में कर्मचारी भविष्य निधि में घोटाला सामने आया था जिसमें कलेक्टर ने जांच कर प्रथम दृट्या गड़बड़ी पाई थी। बाद में जांच के दौरान जेल अधीक्षक उषाराज से लेकर जेल के कई कर्मचारी और एक तथाकथित पत्रकार भी शामिल था। इन सभी को जेल में भेजकर जांच शुरू हुई तो यह घोटाला करोड़ों की राशि का निकला।
पांच करोड़ 66 लाख जीपीएफ से निकाला गया
जेल विभाग की जांच में पाया गया कि वर्ष 2022-23 में कर्मचारियों के भविष्य खातों से पांच करोड़ 66 लाख 33, 359 रुपए कोषालय से निकाला गया था। 51 साल पुराने 1972, 28 साल पूर्व 1995 और 16 साल पहले मई 2007 के परिपत्रों के आधार पर वित्त विभाग ने कर्मचारियों के कोषालय से जीपीएफ राशि निकाले जाने पर अब कार्रवाई की है। इस तरह छह महीने बाद कर्मचारियों को उनके जीपीएफ खातों से अनधिकृत रूप से अनियमितता करते हुए निकाली राशि अपने खातों में वापस दिए जाने पर वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।
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