मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार को बने करीब दो महीने होने वाले हैं और उन्होंने अब 45 दिन में आईएएस अफसरों के 23 आदेश निकाले हैं। यह सरकार का आइना बनकर सामने आए हैं। इन आदेशों में अधिकारियों का उज्जैन से कोई न कोई नाता सामने आने के साथ यह भी प्रतिबिंबित हो रहा है कि शासन पहले अफसरों को किसी विभाग में पोस्टिंग करने के बजाय पहले अतिरिक्त प्रभार देता है और फिर पोस्टिंग करता है। 23 आदेशों में यह भी सामने आया है कि कुछ अधिकारियों के नाम बार-बार सूचियों में दिखाई दिए हैं। पढ़िये विशलेषण।
विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा की सरकार बनने के बाद डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी को हटाया गया था लेकिन इस संबंध में कोई आदेश जीएडी रिकॉर्ड में पोर्टल पर नहीं दिखा। मोहन सरकार ने आईएएस अधिकारियों में पहला आदेश 19 दिसंबर 2023 को आयुक्त जनसंपर्क मनीष सिंह का निकाला गया और अब तक आईएएस अधिकारियों के 23 आदेश जारी हुए हैं। इनमें से कुछ आदेश एक जनवरी को होने वाले नियमित प्रमोशन वाले भी हैं।उज्जैन से नातों की झलक
उज्जैन में पदस्थ रहे अधिकारियों के नाम अब तक पदस्थापना आदेशों में ज्यादा संख्या में दिखाई दिए हैं। प्रमोटी आईएएस अधिकारी और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के विश्वस्त मनीष सिंह उज्जैन में नगर निगम कमिश्नर थे जिनका नई सरकार ने सबसे पहले आदेश में नाम शामिल किया था। इसके बाद 31 दिसंबर 2023 को 10 आईएएस के तबादले किए गए जिनमें से तीन उज्जैन से संबंधित रहे। पूर्व मुख्य सचिव बैंस के एक और विश्वस्त अधिकारी उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को मंत्रालय में उप सचिव बना दिया गया और उन्हें भी 28 दिनों के बाद जिम्मेदारी दी गई। 31 दिसंबर के दस आईएएस अधिकारियों में उज्जैन अपर कलेक्टर प्रीति यादव और नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह भी हैं। प्रीति यादव को जबलपुर नगर निगम आय़ुक्त तो रोशन कुमार सिंह को भोपाल स्मार्ट सिटी का सीईओ बनाया गया। मगर रोशन सिंह को 22 दिन बाद 12 आईएएस अधिकारियों के तबादला आदेश में जनसंपर्क संचालक बनाया गया।
अतिरिक्त प्रभार और कुछ दिन बाद स्थायी पोस्टिंग
अब तक नई सरकार में आईएएस अधिकारियों के तबादला आदेशों में यह बात भी दिखाई दी है कि कुछ अधिकारियों को पहले अतिरिक्त प्रभार दिया गया और फिर वही पोस्टिंग स्थायी कर दी। तरुण कुमार पिथौड़े प्रबंध संचालक राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को 15 जनवरी को संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण व प्रबंध संचालक राज्य भंडार गृह निगम का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। इसके सात दिन बाद 22 जनवरी को प्रताप नारायण .यादव को प्रबंध संचालक राज्य नागरिक आपूर्ति का प्रभार देने के आदेश में पिथौड़े को अतिरिक्त प्रभार वाले दोनों पदों का स्थायी प्रभार सौंप दिया गया। इसी तरह एसएन मिश्रा उपाध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के साथ अपर मुख्य सचिव जनजातीय कार्य व अनुसूचित जाति कल्याण का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे और 15 जनवरी को उन्हें कृषि उत्पादन आयुक्त का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा दिय़ा गया। मगर सात दिन बाद मिश्रा से नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की मूल पदस्थापना को लेकर अतिरिक्त प्रभार के दोनों दायित्वों को स्थायी रूप से सौंपा गया। इसी तरह सुखबीर सिंह प्रमुख सचिव लोक निर्माण को 15 जनवरी को उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण का अतिरिक्त प्रभार दिया गया और सात दिन बाद 22 जनवरी को उनकी मूल पदस्थापना का दायित्व को डीपी आहूजा को सौंपकर अतिरिक्त प्रभार स्थायी कर दिया गया।
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