स्व-रोजगार योजनाओं की मदद से युवा वर्ग बन रहे उद्यमी

मध्यप्रदेश में युवाओं को स्वावलम्बी बनाने में स्व-रोजगार की विभिन्न योजनाएं मददगार साबित हो रही हैं। इन योजनाओं में लोन के साथ अनुदान के प्रावधान युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। प्रेदश का युवा वर्ग भी अब नौकरी की बजाय उद्यमी बनने में ज्यादा रूचि ले रहा है। मिथिलेश बने फर्नीचर मार्ट के मालिक : जबलपुर के गढ़ा शिवनगर निवासी 25 वर्षीय युवा मिथलेश शर्मा ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का लाभ लेकर मोल्डेड आर्ट तथा लेमनेट और लकड़ी फर्नीचर मार्ट का खुद का व्यवसाय शुरू किया। मिथलेश के पिताजी का इंटीरियर डिजाइन का छोटा-सा काम था। इन्होंने बी.काम करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए भटकने की बजाय इंटीरियर डिजाइन के काम को बढ़ाने के साथ-साथ लकड़ी के फर्नीचर निर्माण की योजना बनाई। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना से 25 लाख रुपये का ऋण लिया। मुस्कान प्लाजा शताब्दीपुरम् उखरी रोड में रूचि होमडेकोर के नाम से उद्यम स्थापित किया। आधुनिक मशीनें लगाकर फर्नीचर निर्माण कार्य शुरू किया। कम समय में ही मिथिलेश के बनाये फर्नीचर की स्थानीय बाजार एवं आसपास के क्षेत्रों से काफी मांग आना शुरू हो चुकी है। उनके यहां एम.डी.एफ. ग्रिल, वुडेन इंग्रेविंग वर्क, मेमब्रेन पी.व्ही.सी. डोर, एम.डी.एफ. बैब्स आदि फर्नीचर के कार्य उच्च गुणवत्ता से किये जाते हैं। लगभग 31 हजार रुपये प्रति माह की किश्त बैंक ऑफ इंडिया को चुकाने के बाद भी उन्हें करीब 20 हजार रुपये प्रति माह की बचत होने लगी है। # कृतिका की पहचान है पुष्पांजलि ब्रांड फास्ट फुड :मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की मदद से जबलपुर में कृतिका पुष्पांजलि ब्राण्ड नाम से निर्मित रेडी टू ईट इंस्टेंट फास्ट फूड का लजीज जायका लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। कृतिका ने इस योजना की मदद से पिता की लम्बी बीमारी की वजह से तंगहाली में पहुंचे परिवार को आर्थिक और मानसिक सम्बल प्रदान किया है। बचपन से ही कुकिंग में रूचि रखने वाली कृतिका ने माँ की देखरेख में छोटे स्तर पर इस व्यवसाय को चलाना शुरू किया था। तो अच्छी गुणवत्ता की वजह से कृतिका की बनाई चीजों की मांग तेजी से बढ़ने लगी। पैसों की कमी के कारण व्यवसाय को बढ़ाने में कठिनाई आने लगी। तब इन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों से सम्पर्क किया। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से इन्हें9.90 लाख रुपये ऋण के साथ 30 प्रतिशत अनुदान का पूँजीगत अनुदान एवं 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी मिला। इस पैसे से इन्होंने किराए की दुकान ली और बड़े पैमाने पर इंस्टेंट फास्ट फूड जैसे ढ़ोकला, इडली, डोसा, कचौड़ी, आटा, भटूरा मिक्स पराठा आदि का पावडर तैयार कर पैकिंग कर बेचने लगी। देखते ही देखते उत्पादों की मांग बढ़ने लगी। अब पुष्पांजलि ब्राण्ड लोगों का चहेता बन गया है। महेश का है नाश्ता कार्नर:नीमच के बघाना निवासी बेरोजगार युवक महेश मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना का लाभ उठाकर अब आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बन गया है। महेश को इस योजना में देना बैंक से 50 हजार का ऋण फरवरी 2018 के प्रथम सप्ताह में प्राप्त हुआ। इस पैसे से महेश ने ‘रिश्ता चाट’ नाम से नाश्ता कार्नर खोला है। इस कारोबार से इसकी रोज की आमदनी लगभग 500 रुपये हो गई है। कमाई का स्थायी सम्मानजनक कारोबार हो जाने से महेश का परिवार सुखी हो गया है, बेटा-बेटी भी मन लगाकर पढ़ाई कर रहे हैं। सतपुड़ा कृषि मशीनरी के मालिक बने राहुल :छिन्दवाड़ा निवासी राहुल आरसे ने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजनांतर्गत अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति की मदद से सिंडिकेट बैंक की मुख्य शाखा से वर्ष 2017-18 में 10 लाख रुपये का लोन स्वीकृत करवाया। सतपुड़ा कृषि मशीनरी के नाम से कृषि यंत्र जैसे रोटावेटर, कल्टीवेटर एवं सीडड्रिल आदि कृषि यंत्रों की दुकान शुरू की। स्वयं के व्यवसाय से राहुल की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। अब राहुल 3 अन्य लोगों को रोजगार भी दे रहा है। किश्तें जमा करने के बाद भी राहुल को 20 हजार रुपये प्रति माह की आमदनी है।

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