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शिवराज सरकार में सिर्फ महिलाओं पर अत्याचार हुएः अखिलेश
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश .यादव ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर आरोप लगाया है कि प्रदेश में केवल महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं। अखिलेश ने अपने समर्थकों के जरिये भोपाल की सड़कों पर बड़े बड़े होर्डिंग्स लगबाये। कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की। लेकिन कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव में गठबंधन के मुद्दे को वे टाल गए।हर रोज बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रदेश में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने का दावा किया।
यादव दलबल के साथ भोपाल पहुंचे
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव दलबल के साथ भोपाल पहुंचे। उन्होंने अपने समर्थकों के जरिये भोपाल की सड़कों पर बड़े बड़े होर्डिंग्स लगबाये। कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की। लेकिन कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव में गठबंधन के मुद्दे को वे टाल गए।
अखिलेश आज विशेष विमान से अपनी पूरी टीम के साथ भोपाल पहुंचे।एक बड़े होटल में रुके।उत्तर प्रदेश और सीमावर्ती जिलों से आये सपा कार्यकर्ताओं से भी मिले।मीडिया से बातचीत में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की तो बात की।लेकिन कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात टाल गए।
बाद में वह मोदी सरकार द्वारा बर्खास्त किये गये उत्तराखंड के राज्यपाल अजीज कुरैशी के घर पर गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल से मिले।कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं में वरिष्ठ कुरैशी ने अपने घर पर अखिलेश को कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और कुछ मुस्लिम समाज के मुअज्जिज लोगों से मिलबाया।
माना जा रहा है कि अखिलेश विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की संभावनाएं तलाशने आये हैं।वे दरअसल कांग्रेस पर दवाब बनाना चाहते हैं। इसीलिए उनकी टीम ने भोपाल की सड़कों पर उनके स्वागत के लिये आये पार्टी कार्यकर्ताओं से ज्यादा होर्डिंग्स और पोस्टर लगवा दिये।हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते उन्हें राष्ट्र की उम्मीद बताया गया लेकिन मुलायम सिंह के चेहरे को भी आगे किया गया।
सपा के एक स्थानीय नेता के मुताबिक अखिलेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रदेश के दौरे पर आए हैं।पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बजाय नूराकुश्ती का खेल खेलेगी।वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। ताकि उसे मिलने बाले वोट पार्टी के राष्ट्रीय दर्जे को बरकरार रख सकें।वैसे मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी का कोई खास जनाधार नही है।सपा ने 2003 के विधानसभा चुनाव में 7 सीटें जीती थीं।बाद में ज्यादातर विधायक पार्टी छोड़कर कांग्रेस और बीजेपी में चले गए थे। अगले चुनाव में यह संख्या 1 पर सिमट गई।2013 में हालांकि अखिलेश उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे।लेकिन उनकी सरकार का असर उत्तरप्रदेश की सीमा के इस पार नही दिखा।अभी कोई खास सम्भावना नजर नहीं आ रही है।
मुलायम को हटाकर पार्टी पर काबिज होने के बाद अखिलेश पहली बार मध्यप्रदेश में शक्ति प्रदर्शन करने आये हैं।उनकी असली मंशा कांग्रेस पर दबाव बनाए रखने की है ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटें ले सकें।
अखिलेश कमलनाथ से भी मिलेंगे। यादव नेटवर्क पर उनकी मुलाकात कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव से भी होगी।हार्दिक से मुलाकात करके उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी संदेश देने की कोशिश की है।वह कल शाम को लखनऊ वापस लौटेंगे।
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