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शराब पीकर वाहन चलाना कानूनी रूप से हत्या का प्रयास माना जाए : जस्टिस लाहोटी

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेशचंद्र लाहोटी ने कहा है कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध उन्हीं धाराओं में आरोप तय होना चाहिए, जिन धाराओं में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज होता है और इसकी सजा भी उसी तरह मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था होना चाहिए कि दुर्घटना होने के 3 से 5 मिनट में पुलिस स्पाट पर पहुंच जाए। शराब की दुकानें और बार उन लोगों को सर्विस न दे जिन्हें गाडी चलानी हो।जस्टिस लाहोटी आज यहां इन्दौर में हड्डी रोग विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘आयोकॉन 2017’ का औपचारिक उद्घाटन कर रहे थे। समारोह में राज्य सरकार के अपर-मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा श्री राधेश्याम जुलानिया विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
श्री लाहोटी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली क्षति से देश की जीडीपी को 3 प्रतिशत नुकसान होता है। श्री लाहोटी ने इंडियन आॅर्थोपेडिक के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. राजषेखरन जिन्होंने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में रोड एक्सीडेंट को लेकर रिट पिटीशन दायर की थी। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देश जारी किए गए है। ताजे निर्देश 20 नवम्बर 2017 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया है कि सभी राज्य सरकारें रोड सेफ्टी पाॅलिसी बनाएं। रोड सेफ्टी के लिए फंड अलग से रखें और जिलों में रोड सेफ्टी कमेटी बनाई जाएं। इसी प्रकार हर जिलें में एम्बुलेंस सुविधा सहित एक ट्रामा सेंटर बनाया जाएं। उन्होंने पिटीशन दायर करने के लिए राजशेखरन का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने यह पिटीशन दायर करके देश की महान सेवा की है। जस्टिस लाहोटी ने इन्दौर पुलिस द्वारा लांच किए गए सिटीजन काॅप एफ की प्रशंसा की। जो वाहन चालकों को यातायात के संबंध में चेतावनी देता है और उन्होंने कहा कि ऐसे एप को अधिकाधिक प्रचारित किया जाना चाहिए। उन्होंने इंडियन आॅर्थाेपेडिक का आव्हान किया कि समाज सेवा पहल के रूप में असोसिएशन अधिक से अधिक स्थानों पर स्वेच्छिक ट्रामा सेन्टर स्थापित करें।
समारोह में इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन द्वारा प्रतिवर्ष दिए जाने वाले पुरस्कार भी मुख्य अतिथि जस्टिस लाहोटी ने प्रदान किये. एसोसिएशन का सर्वोच्च सम्मान ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ देश के सुप्रसिद्ध ओर्थोपेडिक सर्जन, पद्मभूषण डॉ एन.एस. लाड (मुंबई) को प्रदान किया गया. एसोसिएशन का दूसरा सर्वोच्च सम्मान ऑनरेरी फेलो अवार्ड इंदौर के सुप्रसिद्ध सर्जन और इंटरनेशनल ऑर्थोपेडिक कंसर्न के चेयरमैन डॉ डी.के. तनेजा, ब्रिटिश ऑर्थोपेडिक असो. यूके के अध्यक्ष डॉ. आनंद नानू, एशियन पेसेफिक ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष (इलेक्ट) डॉ. ओंडर (तुर्की) और आयरलैंड के डॉ. आनंदा महापात्र को भी प्रदान किया गया हुआ. इसके साथ ही डॉ. बी. एन. सिन्हा मेरिटोरियस अवार्ड मुंबई के डॉ. अशोक जौहरी और बंगलुरू के डॉ.राजीव नाइक को प्रदान किया गया.
समारोह में मुंबई के सिल्वर ग्रुप द्वारा शेडो एक्ट के माध्यम से राजवाड़ा सहित इंदौर के प्रमुख स्थलों, स्वच्छता अभियान और इंडियन आॅर्थाेपेडिक एसोसिएशन के चिह्न को खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया गया। प्रारंभ में आयोजन समिति के चेयरमेन डाॅ. डी.के. तनेजा ने अतिथियों का स्वागत किया। इंडियन आॅर्थाेपेडिक एसोसिएषन के अध्यक्ष डाॅ. राम प्रभु ने एसोसिएशन की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर पद्म विभूषण के.एच. संचेती, देश और दुनिया के जाने-माने आॅर्थाेपेडिक चिकित्सक और शहर के विशिष्टजन मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. प्रदीप श्रीवास्तव ने किया। प्रारंभ में मुख्य अतिथियों सहित एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी कन्वोकेशन के रूप में समारोह स्थल पर प्रविष्ट हुए।
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