परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके करीबियों के यहां लोकायुक्त पुलिस औऱ आयकर के छापे के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छापा मारी की है। ईडी ने भोपाल ही नहीं ग्वालियर-जबलपुर में भी छापे मारे हैं जहां सौरभ का पैतृक निवास व साले का घर है। पढ़िये रिपोर्ट।
सौरभ शर्मा के अग्रिम जमानत के आवेदन लगाने के दूसरे दिन अब ईडी ने उसके तथा उसके करीबियों के भोपाल, ग्वालियर व जबलपुर के ठिकानों पर छापे मारे। भोपाल में ईडी ने अरेरा कॉलोनी स्थित उसके घर व ऑफिस की ऐसी तलाशी ली कि बाहर तक सामान बिखर गया। पूरा घर अस्त-व्यस्त हो गया और इस तलाशी में जो भी उन्हें मिला उसे अपने साथ रख लिया। घर व उनके निर्माणाधीन जयपुरिया शिक्षण समूह की भोपाल ब्रांच के स्कूल की तलाशी के दौरान फर्श व दीवारों को ठोक-पीटकर देखा। उन्हें यह आशंका थी कि सौरभ ने सोने-चांदी के बिस्किट व सिल्लियां दीवार में चुनवा दीं या फर्श में बिछाकर उस पर टाइल्स लगवा दी हैं।
ग्वालियर में मीडियाकर्मी के भेष में पहुंची टीम
सौरभ शर्मा के करीबी ग्वालियर के रहने वाले चेतन गौर की कार से आयकर की टीम को भारी मात्रा में सोना भी मिला था। इसके बाद यह आशंका बताई गई थी कि कहीं यह मनी लांड्रिंग का मामला तो नहीं है और ईडी ने इसी सिलसिले में भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में छापे मारे। ग्वालियर में ईडी की टीम कई गाड़ियों में विनय नगर व लक्कडख़ाना पुल पहुंची थी। विनय नगर में सौरभ शर्मा का पैतृक निवास है तो लक्कड़खाना में उसके करीबी चेतन सिंह गौर का मकान है। ईडी ग्वालियर में सौरभ शर्मा व उसके करीबी के यहां पहुंची तो उन्होंने पहचान छिपाने के लिए मीडियाकर्मी बनकर सुबह पांच बजे उनके घर पर दस्तक दी। उनकी गाड़ियों पर प्रेस लिखा था। इससे सौरभ शर्मा के घर में प्रवेश में उन्हें सुविधा हुई।
तलाशी में मिले दस्तावेजों से तीन बैग भरे
घर में कई घंटे की तलाशी के बाद उन्होंने तीन बैग भरकर चल-अचल संपत्ति के संदिग्ध दस्तावेजों को भरा और सौरभ शर्मा के घर मौजूद एक युवक व एक युवती को अपने साथ ले गए। दोनों को ईडी की टीम ने पहचाने जाने के डर से नकाब पहना दिया था। वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से ईडी या उनके साथ पहुंचे किसी पुलिसकर्मी ने बातचीत तक नहीं की।
साले के घर भी पहुंची टीम
सौरभ शर्मा का साला शुभम तिवारी जबलपुर में रहता है और उसके यहां भी ईडी की टीम ने भोपाल-ग्वालियर की तरह सुबह ही छापे की कार्रवाई शुरू की। शुभम वहां रियल एस्टेट का कारोबारी है। लोकायुक्त पुलिस की टीम को सौरभ शर्मा के निवेश के दस्तावेज भी मिले हैं जिसमें उसकी पत्नी-मां के अलावा रिश्तेदारों के नाम की संपत्ति भी शामिल है। इन तमाम संभावनाओं के चलते ईडी ने शुभम तिवारी के घर दबिश दी।
एशो-आराम की जिंदगी जी रहा था सौरभ
मध्य प्रदेश में सोने के बिस्किट-चांदी की सिल्लियां और करोड़ों की नकदी अपने यहां रखने तथा अरबों की जमीन-जायदाद सहित अचल संपत्ति के दस्तावेजों को अपने पास रखकर ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे सौरभ शर्मा और उसके करीबियों चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल व रिश्तेदार मां-पत्नी-साले पर गाज पर गाज गिर रही है। चेतन सिंह को छोड़कर अभी तक लोकायुक्त पुलिस या आयकर या ईडी को सौरभ शर्मा या उनकी मां-पत्नी या उसके मित्र शरद जायसवाल का कोई पता चला है। लोकायुक्त पुलिस जहां छापे में उसके भोपाल स्थित ठिकानों पर छापा मारकर जितने दस्तावेज समेट सकती थी, वह समेट चुकी है मगर अब उस पर आरोप लग रहे हैं कि उसने सौरभ शर्मा को उसकी काली कमाई से खरीदी गई चांदी-सोने व नकदी राशि को ठिकाने लगाने का मौका दिया और छापे के बहाने वह दूसरी तरफ आंखें मूंदी रही।
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