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यूका के समक्ष गैस पीड़ितों ने मानव श्रृंखला बनाई

5.25 लाख भोपाल गैस पीड़ितों को न्यायपूर्ण मुआवजे की मांग को लेकर पिछले 33 वर्षों से जारी संघर्ष के दौरान भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति के बैनर तले यूनियन कार्बाइड मुर्ती के समक्ष गैस पीड़ितों ने मानव श्रृंखला बनाई।मानव श्रृंखला के दौरान ” केंद्र सरकार , राज्य सरकार होश में आओ ” ” भोपाल गैस पीड़ितों को न्यायपूर्ण मुआवजा देना होगा ” आदि नारे लगा रहे थे। गैस पीड़ित शहजाद एवं उर्मिला का कहना था कि 33 वर्ष बाद भी बीजेपी सरकार गंभीर रूप से बीमार गैस पीड़ितों को सड़क की लड़ाई लड़ने पर मजबूर कर रही है।
समिति ने कहा है उपरोक्त 5.25 गैस पीड़ितों में 2 लाख गैस पीड़ित गंभीर रूप से बीमार है जिन्हें तत्काल मुआवजे की जरुरत है। गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति की संयोजक साधना कार्णिक ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वर्ष 2012 में गठित मंत्री समूह ने कुल 5,74376 गैस पीड़ितों में से कुल 48,694 को ही मुआवजा दिया। जिसमे 5000 मृतकों के परिजनों को 10 लाख रूपये , स्थाई क्षति के 5000 पीड़ितों को 5000 रुपये , कैंसर , किडनी के 3 हजार पीड़ितों को 2 लाख रुपये तथा अस्थाई क्षति के 35000 पीड़ितों को 1 लाख रुपये दिये गये। परंतु केंद्र व् राज्य सरकार की यूनियन कार्बाइड से मिलीभगत के कारण भोपाल की जहरीली गैस से पीड़ित 5.25 लाख पीड़ितों को फर्जी क्लेम मेडिकल केटेगरी “बी” दी गई।
“बी ” मेडिकल केटेगरी का अर्थ है कि गैस पीड़ित पर जहरीली गैस का कोई असर ही नही हुआ। उक्त फर्जी क्लेम मेडिकल वर्गीकरण के कारण भोपाळ गैस पीड़ितों को आज 33 वर्ष बाद भी न्यायपूर्ण मुआवजा नही मिला। समिति ने कहा है कि गैस पीड़ितों को न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
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