मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन का मैजिक, सरकारी स्कूलों के 18 हजार टीचर्स करेगा प्रशिक्षित

मध्य प्रदेश के जनजातीय विभाग के सरकारी स्कूलों को प्रशिक्षित करने के लिए मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ एमओयू साइन हुआ। इससे सक्षम कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिसमें जनजातीय कार्य विभाग के सरकारी स्कूलों के टीचरों को ट्रेनिंग दी जाएगी और 18 हजार टीचर इसमें प्रशिक्षित होंगे। पढ़िये रिपोर्ट।

मध्य प्रदेश जनजातीय कार्य विभाग और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के बीच प्रदेश के शासकीय आवासीय एवं गैर-आवासीय विद्यालयों में जीवन कौशल शिक्षा आधारित ‘सक्षम’ कार्यक्रम प्रारंभ करने हेतु एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश के शासकीय विद्यालयों के लगभग दस लाख किशोरों को लाइफ स्किल्स प्रदान करेगा। इसके तहत मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करेगा और मास्टर ट्रेनर्स राज्य के 9000 शासकीय विद्यालयों के लगभग 18,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे
किशोरों को लाइफ स्किल्स
मध्य प्रदेश के जनजातीय विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य को आकार देने के लिए एक दूरदर्शी पहल के रूप में, जनजातीय कार्य विभाग , मध्य प्रदेश ने शिक्षा और कौशल क्षेत्र में अग्रणी संस्था, मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। जनजातीय कार्य विभाग , मध्य प्रदेश 89 जनजातीय विकास खंडों में शिक्षा क्षेत्र मे तत्परता से काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही, उनका लक्ष्य प्रदेश के 20 जनजातीय जिलों और 89 विकास खंडों में किशोरों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देते हुए, मास्टर ट्रेनर्स और शासकीय विद्यालयों के शिक्षकों को सशक्त बनाना है, ताकि वे किशोरों को लाइफ स्किल्स प्रदान करने में सक्षम हो सकें।
एमओयू हस्ताक्षर में इनके नाम
अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें डॉ. पल्लवी जैन गोविल, आईएएस, प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग, मध्य प्रदेश सरकार; श्री सतेन्द्र सिंह, अपर आयुक्त , जनजातीय कार्य विभाग , और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि; जयंत रस्तोगी, ग्लोबल सीईओ; के नाम शामिल हैं।
मास्टर ट्रेनर्स 9000 स्कूलों में देंगे ट्रेनिंग
मैजिक बस मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जो इसके पूर्ण होने के बाद 9,000 शासकीय विद्यालयों में लगभग दस लाख किशोरों को लाइफ स्किल्स प्रदान करने के लिए 18,000 शासकीय शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इन स्कूलों के नामों में सीएम राइज़ स्कूल, मिडिल स्कूल, एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल (ईएमआरएस), कन्या शिक्षा परिसर (केएसपी), मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल (एमआरएस) छात्रावास और आश्रम सहित विशेष रेसिडेंशियल स्कूल शामिल हैं। ये स्कूल विशेष रूप से कक्षा 6 से 10 तक के किशोरों को लक्षित करते हैं।
सक्षम कार्यक्रम चार साल चलेगा
एमओयू के तहत जनजातीय विभाग और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन चार साल सक्षम कार्यकर्म चलाएगा। जिसमें शुरुआती चरण में 20 जिलों और 53 विकासखंडो को शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम के आगे बढ़ने के साथ अंततः दूसरे वर्ष तक 89 जनजातीय विकासखंडो के समस्त स्कूलों को भी इस पहल के अंतर्गत शामिल कर लिया जाएगा। इस पहल को मैजिक बस के द्वारा इकिडना गिविंग का समर्थन प्राप्त है।
किशोरों में सर्वांगीण विकास
जनजातीय कार्य विभाग , मध्य प्रदेश शासन का 21 वी सदी के कौशलों पर आधारित जीवन कौशल शिक्षा प्रदान करने के प्रति अटूट समर्पण भाव बेहद सराहनीय है। यह न सिर्फ छात्रों के विविध स्किल सेट्स पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि उनमें सीखने की ललक को भी प्रोत्साहित करता है और साथ ही किशोरों में सर्वांगीण विकास को भी बढ़ावा देता है जो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की अनुशंसा पर आधारित है | यह साझेदारी स्पष्ट रूप से एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में उभर कर सामने आएगी।
सक्षम कार्यक्रम जीवन कौशल शिक्षा देगा
डॉ. पल्लवी जैन गोविल,आईएएस,प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग, मध्य प्रदेश सरकार , “हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के दृष्टिकोण को दृढ़ता से जीवंत रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा दृढ़ विश्वास है कि जीवन कौशल शिक्षा प्रदान करने से हमारे राज्य के किशोरों को अपनी असीमित क्षमता को उजागर करने और एक उज्ज्वल भविष्य को आकार देने का अवसर मिल सकेगा। मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ हमारी साझेदारी प्रदेश के किशोरों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न सिर्फ उन्हें लाइफ स्किल्स प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी दृढ़ता से काम करेगी।”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप
जयंत रस्तोगी, ग्लोबल सीईओ, मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन, ने कहा, जनजातीय कार्य विभाग मध्य प्रदेश शासन के साथ साझेदारी में, हम शिक्षकों को लाइफ स्किल्स के लिए प्रशिक्षित करने हेतु एक प्रासंगिक पाठ्यक्रम के सह-निर्माण और सिस्टम में क्षमता निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की प्राथमिकताओं के अनुरूप है। आज तकनीकी विकास के साथ तेजी से बदलती दुनिया में, किशोरों की चाहिए कि वे गंभीर रूप से सोचने, समस्या का समाधान करने, रचनात्मकता का उपयोग करने, बदलती परिस्थितियों के अनुकूल खुद को ढालने, सहयोग करने और प्रभावी ढंग से संवाद करने की कला को खुद में ईजाद करें। इस पहल का उद्देश्य किशोरों को सुदृढ़ रूप से 21वीं सदी के लिए तैयार करना है। हम मध्यप्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी शिक्षा लक्ष्यों और एनईपी के उद्देश्यों में योगदान करने के लिए खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।”

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