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महाविद्यालयों में छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाये
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि हर महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ साल में एक बार सभी छात्राओं का स्वास्थ परीक्षण भी कराया जाना चाहिये।उन्होंने कहा कि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा का पता लगने से समय रहते बच्चों को कुपोषित होने से बचाया जा सकता है। राज्यपाल ने आज शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्वशासी महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव के समापन समारोह में यह बात कही। इस अवसर राज्यपाल ने बीएससी की छात्रा कु. सुमैया अली को श्री शंकरदयाल शर्मा गोल्ड मेडल, एमएससी केमेस्ट्री की छात्रा कु.निदा नाज को मुख्यमंत्री गोल्ड मेडल, तथा बीएचएससी की छात्रा कु.जैनब मोदी को उषा जैन अवार्ड सहित अन्य छात्राओं को भी पुरस्कार वितरित किये। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि अच्छी माँ बनने के लिए पूर्ण पोषण की आवश्यकता है़। माँ का कर्तव्य है कि वे बच्ची को जन्म देने के साथ उसको अच्छी शिक्षा भी दे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है। आज समाज तेजी से आगे बढ़ रहा है, महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है और भ्रूण हत्या की घटनाएं भी कम हो गई हैं। इससे लगता है कि अगली जनगणना पर महिलाओं की जनसंख्या पुरूषों के बराबर हो जायेगी। राज्यपाल ने कहा कि पुरूषों की तुलना में महिलाएं अधिक कार्य करने में सक्षम हैं। आज महिलाएँ राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक क्ष्रेत्र के साथ ही सेना जैसे कठिन क्षेत्र में भी आगे बढ़ रही हैं। श्रीमती पटेल ने खुले में शौच से मुक्ति के प्रति जागरूकता अभियान चलाने पर जोर देते हुए कहा कि खुले में शौच करने की प्रवृत्ति से कई घटनाएं घटित होती हैं। इसलिए गांवों में लोगों को हर घर में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया जाये।प्राचार्य डॉ. रोमशा सिंह ने महाविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होनें बताया कि महाविद्यालय की अनेक छात्राओं का बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में चयन हुआ है। राज्यपाल ने प्राध्यापक डॉ.भावना श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक ‘संस्कृत व्याकरण सौरगम” का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम का संचालन छात्रसंघ प्रभारी डॉ.उर्मिला शिरीष ने तथा आभार छात्रसंघ की अध्यक्षा कु. उल्फा खान ने किया।
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