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मर्जी से शादी करने वाली लड़कियों की न्यूनतम उम्र 25 साल हो : निर्भयसागर
दिगम्बर जैन आचार्य निर्भय सागर महाराज ने भारत सरकार को सुझाव दिया है कि देश में किसी भी धर्म या समाज की लड़की यदि अपनी मर्जी से शादी करना चाहे तो उसकी न्यूनतम उम्र कानूनन 25 साल तय की जाना चाहिए। वर्तमान में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल होने से लाखों बच्चियां अपनी मर्जी से शादी तो कर लेती हैं, लेकिन दिमागी तौर पर परिपक्व न होने से यह शादियां सफल नहीं हो पाती। जैन मुनि का कहना है कि इस मुद्दे पर सभी धर्म और समाज के धर्मगुरुओं को विचार करना चाहिए।भोपाल के शाहपुरा जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य निर्भय सागर महाराज जी ने अग्निबाण से एक खास बातचीत में कहा कि भारत के संविधान के अनुसार देश में चुनाव लडऩे की उम्र 25 साल तय है। संविधान निर्माता जानते थे कि 25 साल का व्यक्ति दिमागी तौर पर परिपक्व होता है इसलिए यह उम्र तय की है। उन्होंने कहा कि माता-पिता की अनुमति से और उनकी इच्छा से जो यदि लड़कियां शादी करती हैं तो 18 साल की उम्र जायज है, क्योंकि माता-पिता अपने विवेक से लड़कियों के लिए अच्छा वर तलाश लेते हैं। लेकिन जो लड़कियां भावुकता में आकर 18 की उम्र पूरी करते ही घर और परिवार, माता-पिता से विद्रोह करती शादी करती हैं तो ऐसी बहुत सी शादियां सफल नहीं हो पाती और परिपक्व होने पर यही लड़कियां अपने निर्णय पर पछताती करती दिखाई देती हैं।
संविधान में संशोधन हो
आचार्य निर्भयसागर महाराज जी का कहना है कि यह एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है जिस पर देशभर में जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए। सत्ता में बैठे लोगों को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और सामाजिक संगठनों को इस मुद्दे पर संवाद करना चाहिए। आचार्यश्री ने कहा कि यदि सभी धर्म और समाज के लोग सहमत हो तो संविधान संशोधन कर इसे लागू किया जाना चाहिए।
भोपाल से करेंगे शुरूआत
निर्भयसागर जी महाराज ने कहा कि वे पिछले तीन चार साल से इस विषय पर चिंतन और मनन कर रहे हैं। अब भोपाल में उन्होंने इस विषय पर सभी धर्मों के धर्म गुरुओं से चर्चा करने का मन बनाया है। यदि सभी के विचार आपस में मिले तो इस अभियान की शुरुआत इसी साल भोपाल से करके पूरे देश में फैलाने का प्रयास करेंगे।
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