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मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो बिलों की चर्चा, एक एआईसीसी से भुगतान दूसरा प्रदेश से जुड़ा

मध्य प्रदेश कांग्रेस विधानसभा चुनाव भले ही हार गई लेकिन यहां नेताओं ने पार्टी के खातों से राशि लेने में कोई चूक नहीं की। इनमें से एक भुगतान के कारण प्रदेश के नेता के पार्टी में रिश्तों में दूरी की परिस्थितियां बन गईं तो दूसरे नेताजी का स्टेट्स उनके सड़क पर चलने में दिखाई देने लगा है। पढ़िये रिपोर्ट।
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की आर्थिक मदद करने और अन्य चुनावी खर्च में माली हालत पहले जैसी नहीं होने के बाद भी कमी नहीं की थी। हालांकि विधानसभा चुनाव में खर्च का बड़ा हिस्सा आर्थिक रूप से सक्षम कुछ नेताओं के कंधों पर भी डाल दिया गया था लेकिन हाईकमान ने इसकी बड़ी जिम्मेदारी प्रदेश के एक जिम्मेदार नेता के हाथों में दी थी। चुनाव खत्म हुए और पार्टी की बुरी तरह से हार हुई तो जिम्मेदार नेता ने एआईसीसी को लंबा-चौड़ा बिल थमा दिया। सूत्र बताते हैं कि इस लंबे चौड़े बिल के प्रस्तुत होने के बाद हाईकमान ने नेताजी को चुनाव के लिए पहले हुई अनौपचारिक चर्चा का हवाला देकर उस पर आपत्ति की थी। इसके बाद नेताजी की पार्टी नेताओं से दूरियां बन गईं। हालांकि यह बिल नेताजी को भुगतान कर दिया गया लेकिन उनके संबंधों में सुधार की बजाय बिगाड़ होता चला गया।
प्रदेश में सरकार से सूचनाएं लेने के बदले बिल
दूसरे नेताजी ने प्रदेश कांग्रेस में लाखों रुपए का बिल संगठन को थमाया। यह बिल राज्य सरकार से सूचनाएं लेने के बाद दी गई कथित राशि के बदले थमाए गए थे। इन बिलों को लेकर संगठन में पहले न-नुकूर हुई लेकिन बाद में बताया जाता है कि उसका भुगतान हो गया। हालांकि जिन कथित सूचनाओं के बदले राशि लिए जाने के बिल थमाए गए थे, उन सूचनाओं का कब-कब और कहां-कहां इस्तेमाल किया गया, इसका आज तक किसी ने उन नेताजी से सवाल नहीं किया है। वैसे इन नेताजी का स्टेट्स राशि मिलने के बाद सड़क पर चलने के तरीके में नजर आने लगा है। राजनीतिक गलियारों में इन दोनों बिलों को लेकर काफी चर्चा है और चुटकियां ली जा रही हैं।
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