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भाजपा जिला अध्यक्ष ने शहडोल में आरटीओ अधिकारी को कहा औकात में रहे, पलटकर मिला ऐसा जवाब
मध्य प्रदेश में एक और भाजपा नेता का सरकारी अधिकारी को धमकाने का मामला सामने आया है जिसमें नेताजी आरटीओ के एक अधिकारी को मोबाइल कॉल पर गाड़ी छोड़ने का हुकूम नहीं मानने पर धमकाते सुनाई दे रहे हैं। मगर इस बार भाजपा नेताजी की धमकी में अधिकारी नहीं आया और उसने भी उसी अंदाज में नेताजी को जवाब दिया। हालांकि इस कॉल को लेकर भाजपा अध्यक्ष से चर्चा करना चाही लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। पढ़िये रिपोर्ट और सुनिये मोबाइल कॉल का वायरल ऑडियो।
भोपाल में मंत्री नरेंद्र शिवाजी के पुत्र के मारपीट-थाने में मंत्रीजी के धमकाने वाले घटनाक्रम का अभी मामला शांत ही नहीं हुआ है कि मध्य प्रदेश के शहडोल के जिला अध्यक्ष कमल प्रताप सिंह का आरटीओ के एक अधिकारी को धमकाने वाला ऑडियो वायरल हो गया है जिसमें वे उसे औकात में रहने की धमकी दे रहे हैं। मगर इस वायरल ऑडियो में आरटीओ अधिकारी भी भाजपा नेता को उसी अंदाज में जवाब देने नहीं चूकते सुनाई दे रहे हैं। वायरल ऑडियो हो रहे इस मोबाइल कॉलमें तीन आवाज सुनाई दे रही हैं। यह वायरल ऑडियो सोमवार का बताया जाता है। इसकी खबर सबकी पुष्टि नहीं करता है। एक आवाज एक गाड़ी के चालक बताई जा रही है जिसने आरटीओ चैकिंग में गाड़ी पकड़े जाने पर कथित रूप से भाजपा के जिला अध्यक्ष कमलप्रताप सिंह को मोबाइल लगाकर वहां मौजूद आरटीओ के कथित अधिकारी रवींद्र सिंह से बात कराई। इस वायरल ऑडियो में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल भाजपा नेता की तरफ से किया गया, उसका जवाब सरकारी अधिकारी ने भी स्वाभिमान को बचाने के लिए उसी अंदाज में जवाब दिया। सुनिये पूरा संवाद, किसने क्या कहा।
चालकः हां भैया
भाजपा नेता कमल प्रताप सिंहः तुरंत जाओ, जाकर बताओ जिला अध्यक्ष बात करने का बोल रहे हैं।
चालकः एक बार बात कर लीजिए फिर…
आरटीओ अधिकारीः हेलो।
कमल प्रतापः हेलो।
आरटीओ अधिकारीः हां, जी।
कमल प्रतापः कमल प्रताप सिंह बोल रहा था।
आरटीओ अधिकारीः कहां से।
कमल प्रतापः शहडोल से।
आरटीओ अधिकारीः बताइये।
कमल प्रतापः ये भूसे वाली गाड़ी का चालान होता है क्या।
आरटीओ अधिकारीः बिलकुल होता, क्यों नहीं होता।
कमल प्रतापः ऐं।
आरटीओ अधिकारीः क्यों नहीं होता। भूसे का भी होता है।
कमल प्रतापः मैं कलेक्टर साहब को लाइन पर ले रहा हूं।
आरटीओ अधिकारीः बिलकुल ले लीजिए।
कमल प्रतापः आप बात करना।
आरटीओ अधिकारीः हमारे पास फोन आ जाएगा कलेक्टर साहब का।
कमल प्रतापः अरे भाई मैं भाजपा का जिला अध्यक्ष बोल रहा हूं यार।
आरटीओ अधिकारीः आप जो भी बोल रहे होंं भिया।
कमल प्रतापः बात किससे कर रहे हो तुम।
आरटीओ अधिकारीः किससे कर रहा हूं।
कमल प्रतापः आरटीओ हो गए तो तमाशा हो गए क्या।
आरटीओ अधिकारीः आप कौन है, आप जिला अध्यक्ष बनके राष्ट्रपति बन गए क्या।
कमल प्रतापः किसान…
आरटीओ अधिकारीः सुनिये मेरी बात। यह हमारा काम है। कलेक्टर का साहब का आदेश ही है। बदतमीजी से तो बात करना ही नहीं। आप जिला अध्यक्ष हैं, बाद में देखा जाएगा कौन हैं आप। आचार संहिता चल रही है। बदतमीजी से तो बात करना ही नहीं।
कमल प्रतापः अरे कहां पर हो तुम।
आरटीओ अधिकारीः मैं जहां पर भी हूं, पूछ लीजिए ड्राइवर को। आ जाइए।
कमल प्रतापः अभी वहीं बता रहा हूं।
आरटीओ अधिकारीः यहां पर हूं, आपको आना तो आ जाइए।
कमल प्रतापः तुम किसान की गाड़ी रोक कर…
आरटीओ अधिकारीः किसान की गाड़ी नहीं है यह। किस स्थिति में गाड़ी खड़ी है देखिये। पूरा ओवरसाइज और ओवर हाइट है।
कमल प्रतापः किसमें। अरे किसान….
आरटीओ अधिकारीः आप जिला अध्यक्ष हैं तो आना है तो आ जाइए। मैं आपको दिखा देता हूं क्या जिला अध्यक्ष हैं।
कमल प्रतापः तुम्हारा नाम क्या है यार। ओये तुम्हारा नाम क्या है।
आरटीओ अधिकारीः रवींद्र सिंह नाम है।
कमल प्रतापः अरे किस पोस्ट पर हो…
आरटीओ अधिकारीः मैं बता दूंगा। पोस्ट, तुम मेरे अधिकारी नहीं हो पूछने वाले।
कमल प्रतापः अरे किस पोस्ट पर हो तुम…
आरटीओ अधिकारीः तुम यहां पर आ जाओ, सब पोस्ट बता दूंगा। तुम जिला अध्य़क्ष हो ना, आ जाओ तुम्हारी जिला अध्यक्षी निकाल दूंगा। तुम धमकी दे रहे हो ना।
कमल प्रतापः अबे सुन वे। मैं तुम्हारी ऐसी तैसी कर दूंगा।
आरटीओ अधिकारीः धमकी दे रहे हो ना, जल्दी आ जाओ।
कमल प्रतापः औकात से बाहर नहीं निकलना।
आरटीओ अधिकारीः औकात में अपनी में रहना।
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