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भाजपा और कांग्रेस की आधी आबादी पर नजरें, भाजपा महिला तो कांग्रेस ले रही ओबीसी को साथ

भाजपा और कांग्रेस के बीच आधी आबादी को अपने साथ करने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। भाजपा की महिलाओं पर नजर है क्योंकि उनकी वह आधी आबादी है तो दूसरी तरफ कांग्रेस की ओबीसी पर निगाहें टिकी हैं जिनकी 51 फीसदी आबादी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को शाजापुर जिले में ओबीसी पर अपना भाषण केंद्रित रखा। देखिये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और यहां अब राजनीतिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। वोट की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने तरह से ज्यादा से ज्यादा वोट अपनी तरफ खींचने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। भाजपा महिला आरक्षण बिल लाकर देश की आधी आबादी महिला को अपने साथ करने के लिए लेकर आई और उसने पहला दांव खेला है। न चाहते हुए अनमने ढंग से विपक्ष को उस पर अपनी सहमति देना पड़ी। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में पहले सर्वे कराने की बात है जिसके बाद डिनोटिफिकेशन किया जाएगा यानी महिला आरक्षण दस साल बाद लागू होगा। साथ ही महिला आरक्षण में महिला ओबीसी को रिजर्वेशन की बात नहीं शामिल की गई। मगर भाजपा ने महिला आरक्षण बिल संसद में पास कराकर विपक्ष की रणनीति पर चोट पहुंच दी है। अब विपक्ष के इंडिया गठबंधन जिसमें कांग्रेस भी शामिल महिला आरक्षण के विरोध से बचकर दूसरे मुद्दे को लेकर जनता के बीच पहुंचने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस ने उसी दिशा में ओबीसी को साथ लेने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
राहुल का ओबीसी आरक्षण के लिए जातीय जनगणना पर जोर
प्रदेश में कांग्रेस की जन आक्रोश यात्राएं निकल रही हैं और उसमें शनिवार को राहुल गांधी शाजापुर जिले के कालापीपल स्थित पोलायकलां ग्राम में पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि भाजपा ओबीसी की बात नहीं करती। कांग्रेस के देश में चार मुख्यमंत्री हैं जिनमें से तीन ओबीसी के हैं। वहीं, केंद्र सरकार को जो 90 अफसर चलाते हैं, उनमें से केवल तीन अधिकारी ओबीसी के हैं। वे तय करते हैं करोड़ों का बजट किसे कितना दिया जाए। इन 90 अधिकारियों में से जो तीन ओबीसी के हैं, वे भी कुछ समय पहले ही शामिल किए गए हैं। कांग्रेस सरकार में आएगी तो सबसे पहले जातीय जनगणना करेगी और हर जाति की आबादी को सार्वजनिक करेगी। इसके बाद जिसकी जितनी आबादी होगी, उसकी उतनी भागीदारी तय की जाएगी। मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का कानून बनाया था लेकिन शिवराज सरकार ने उसे लागू नहीं किया।
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