वनरक्षकों प्रशिक्षण के दौरान 6 वें वेतनमान का एवं 7 वें वेतनमान के अप्रूवल को लेकर असमंजस की स्थिति बनी है. कुछ वन मंडलों में प्रशिक्षण के दौरान वनरक्षकों को छठवें और सातवें वेतनमान का लाभ मिला किंतु कई वन मंडल ऐसे हैं, जहां कोष एवं लेखा अधिकारी ने प्रशिक्षण के दौरान छठवें और सातवें वेतनमान को ख़ारिज कर दिया गया. यही नहीं, भोपाल और अब्दुल्लागंज सहित कुछ वन मंडलों के करीब 3500 वनरक्षकों से छठवें और सातवें वेतनमान की वसूली के भी फरमान जारी कर दिए हैं. वसूली के आदेश के खिलाफ वनरक्षकों ने वन मंत्री से लेकर वित्त मंत्री तक की गणेश परिक्रमा की किंतु कोई लाभ नहीं मिलामिला.
उल्लेखनीय है कि मप्र में 10 संभाग है. उनमें वन विभाग के 63 वन मंडल है. इन्ही संभागों के अंतर्गत भोपाल संभाग में, भोपाल, विदिशा, रायसेन, ओबेदुल्लागंग, सीहोर, राजगढ़ जिले आते है, इनमें से वन रक्षकों को प्रशिक्षण दिनांक पर 5680-1900 वेतनमान राजगढ़, सीहोर, रायसेन वन मंडल, कोष लेखा के अधिकारी और बाबू के द्वारा सेवा पुस्तिका में 6 वें एवं 7 वें वेतनमान को अप्रूवल देकर सारे वन रक्षकों को वेतन दिया जा रहा है. वहीं भोपाल, ओबेदुल्लागंज, वन मंडल में ट्रेनिंग दिनांक पर 5680-1900 वेतनमान भोपाल कोष लेखा स्वीकृति नहीं कर रहे है. ऐसे ही प्रदेश की अन्य कोष लेखा भी अलग-अलग संभागों में कहीं ट्रेनिंग दिनांक पर 5680-1900 वेतनमान दे रहे है कहीं नही दे रहे. वहीं कुछ कोष लेखा उन्हीं नियमों के तहत सेवा पुस्तिका में आपत्ति निकाल रिकवरी के निर्देश दे रही है. इससे सम्बंधित वन मंडलों के वन रक्षकों को जूनियर वन रक्षकों से सीनियर वन रक्षकों का वेतनमान कम हो गया है. जूनियर की सेलरी सीनियर से ज्यादा है.
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