-
दुनिया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
प्रतिभा पर्व के परिणामों के आधार पर शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास
प्रदेश की लगभग एक लाख चौदह हज़ार शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में विगत 5 से 7 दिसम्बर तक आयोजित किए गये प्रतिभा पर्व के आकलन परिणामों के आधार पर शैक्षिक उन्नयन का कार्य शिक्षकों के द्वारा किया जायेगा। यह निर्देश राज्य शिक्षा केन्द्र संचालक श्री लोकेश कुमार जाटव ने सभी ज़िलों के कलेक्टर्स एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारियों को प्रेषित किए हैं। उल्लेखनीय है कि 5 एवं 6 दिसम्बर को प्रतिभा पर्व के अंतर्गत विद्यार्थियों की विषयगत दक्षताओं का मूल्यांकन किया गया था। इस मूल्यांकन में जो बच्चे जिन विषयों में कमजोर साबित हुए हैं, उन्हें आगामी समय में निर्धारित दक्षताओं तक पहुँचाना प्रतिभा पर्व का ध्येय है।राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा ज़िलों से यह अपेक्षा की गई हैं कि प्रतिभा पर्व के प्रश्नपत्रों के उत्तर विश्लेषण उपरान्त लर्निंग गैप्स को चिन्हित कर सुधारात्मक प्रयास प्रत्येक विद्यालय द्वारा किये जायें। सभी बच्चे कक्षा-अनुरूप दक्षताएं/कौशल प्राप्त कर सकें इसके लिए विशेष कक्षाएं लगाकर सुधारात्मक प्रयास सतत रूप से किये जाने के भी निर्देश हैं। गुणवत्ता उन्नयन के दृष्टिगत समस्त शासकीय शालाओं में शैक्षिक उपलब्धियों में सुधार हेतु सुधारात्मक प्रयासों के तहत जो कार्यवाही अपेक्षित हैं उनमें, प्रतिभा पर्व पश्चात् उत्तर विश्लेषण के आधार पर कठिन बिन्दुओं एवं लर्निंग गैप्स को चिन्हांकित किया जाकर शिक्षक द्वारा अधिक सरल एवं रोचक तरीकों से उन अवधारणाओं का बच्चों से अधिकतम अभ्यास कराना, उत्तर विश्लेषण के आधार पर बच्चेवार कठिन अवधारणाओं को विषय शिक्षक द्वारा चिन्हित करना, प्रत्येक विद्यालय में प्रतिभा पर्व के विषयवार उपलब्ध परिणामों के आधार पर विषय शिक्षकों द्वारा बच्चों की शैक्षिक उपलब्धि स्तर की समीक्षा की जाकर प्रभावी एवं रोचक शिक्षण हेतु पुनः योजनाबद्ध रणनीति तय की जाना प्रमुख हैं।
Leave a Reply