पंचायत सचिवों को मिलेगा ग्रेड-पे वेतनमान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि पंचायत सचिवों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को दूर करते हुए जिन सचिवों ने एक अप्रैल 2018 को दस साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें वेतनमान 5200 – 20200 + 2400 ग्रेड-पे दिया जायेगा। श्री चौहान ने पंचायत सचिवों को ग्रामीण मध्यप्रदेश की नींव बताते हुए कहा है कि अब उन्हें नियुक्ति दिनांक से ही दस हजार रूपये दिये जायेंगे। इसके दो साल बाद उन्हें 5200 – 20200 +1900 ग्रेड-पे दिया जायेगा। श्री चौहान आज यहां मुख्यमंत्री निवास पर पंचायत सचिवों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा कि जो बहनें पंचायत सचिव के पद कार्य कर रही हैं, उन्हें 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जायेगा। सचिव पति को भी 15 दिन का पितृत्व अवकाश दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों का सम्मान करना सरकार का दायित्व है। सचिव सरकार के महत्वपूर्ण अंग हैं। उन्होंने पंचायत सचिवों के लिये अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में कहा कि अब एक अप्रैल 2008 से अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता होगी। बीमार पड़ने पर 15 दिन का चिकित्सीय अवकाश दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों के सहयोग से ग्रामीण मध्यप्रदेश की तस्वीर बदलेंगे। गांवों में वे सभी सुविधाएं होंगी, जो शहरों में उपलब्ध हैं।मुख्यमंत्री कहा कि ग्रामीण विकास की योजनाओं में मध्यप्रदेश का देश में अच्छा प्रदर्शन सचिवों की मेहनत के कारण है। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले सडकें, पेयजल व्यवस्था आवासीय सुविधाएं, गांवों की आंतरिक सड़कों की स्थिति खराब थी। आज ग्रामीण मध्यप्रदेश विकास का नया दौर देख रहा है। उन्होंने कहा कि जब सरकार बनी थी, तब पंचायत सचिवों को पांच सौ रूपये मिलते थे। वर्ष 2008 में 1200 रूपये बढ़ाये गये और 2008 में पंचायत सचिवों को नियमित वेतनमान देना शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा पंचायत सचिवों का साथ दिया है। श्री चौहान ने कहा कि सरकार गरीबों के कल्याण का काम कर रही है। गरीबों को आवास देने के लिये उन्हें जमीन का मालिक बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आवासों के निर्माण में धनराशि कमी पड़ने पर मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना से भी मदद दी जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और पंचायत सचिवों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होने कहा कि सबके सहयोग से ग्रामीण विकास की योजनाओं का और अधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जायेगा। स्वच्छ भारत अभियान में भी मध्यप्रदेश पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। मनरेगा में 3500 करोड़ रूपये और पंच परमेश्वर योजना में 8000 करोड रूपये खर्च किये गये हैं। उन्होने कहा कि पंचायत सचिवों के सहयोग से राज्य संपूर्ण विकास के सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ग्रामीण मध्यप्रदेश की तस्वीर तेजी से बदल रही है। उन्होंने पंचायत सचिवों से आग्रह किया कि लोगों की सेवा करें और ग्रामीण मध्यप्रदेश में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित करने में सहयोग दें। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि ग्रामीण विकास की योजनाओं में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रक्रियाओं और व्यवस्थाओं से पारदर्शिता आई है। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों के हित में की गई घोषणाओं के बाद ऐतिहासिक रूप से जो अन्याय हुआ था, वह दूर हो गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अधिकार मिलने के साथ कर्तव्यों को पूरा करना भी पंचायत सचिवों नैतिक दायित्व हैं। श्री भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश जिस प्रकार अब तक ग्रामीण विकास के क्षेत्र में आगे रहा है, भविष्य में भी निरंतर प्रगति करता रहेगा। इसके लिये प्रयासों को और तेज करने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा, श्री बालमुकंद पाटीदार, आजाद पंचायत सचिव कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री हाकम सिंह ने पंचायत सचिवों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और उनका अभिनंदन किया। सचिवों के संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री श्री चौहान को महाकाल का चित्र भेंट किया गया। संचालक पंचायत श्री शमीमुद्दीन ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री रमेश शर्मा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक बर्णवाल एवं बड़ी संख्या में सचिव उपस्थित थे।

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