न्याय पदयात्रा लेकर बैतूल से 335 किलोमीटर चलकर आ रही एसडीएम निशा बांगरे सोमवार को भोपाल में पहुंची तो पहले पुलिस के साथ झड़प हुई फिर पुलिस वाहन में उन्हें कई किलोमीटर यहां वहां घुमाया गया। पढ़िये पूरी रिपोर्ट।
निशा बांगरे राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ना चाहती हैं लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा है। हाईकोर्ट तक वे इस मामले में जा चुकी हैं और वहां से भी निश्चित समयावधि के भीतर निराकरण करने के आदेश होने के बाद भी अब तक कोई फैसला नहीं होने से वे न्याय यात्रा पर बैतूल के आमला से 335 किलोमीटर पैदल चलते हुए भोपाल सोमवार को पहुंची। यहां बाबा साहब आंबेडकर की बोर्ड ऑफिस चौराहा स्थित प्रतिमा पर माल्यापर्ण के दौरान पुलिस से उनकी झड़प हुई। पुलिस ने उन्हें और उनके समर्थकों को घसीटते हुए सड़क से हटाकर हिरासत में लिया। पुलिस वाहन में उन्हें करीब दो घंटे तक बैरागढ़, गांधी नगर, सेंट्रल जेल के आसपास घुमाया जाता रहा और दोपहर करीब दो बजे सेंट्रल जेल ले जाया गया। वहां बांगरे के साथ कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल व बांगरे के समर्थकों ने जेल के प्रवेश द्वार के सामने धरना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्हें जेल के प्रवेश द्वार के भीतर ले जाया गया मगर जेल के भीतर दाखिल नहीं किया गया। कांग्रेस विधायक शर्मा व पटेल को छोड़ दिया गया और बांगरे सहित कई लोगों को वहीं रखा गया। शाम को बांगरे को मेडिकल के बाद फिर जेल में ले जाया गया।
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