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न्यायालयीन प्रकरणों में जिम्मेदारी निर्धारण हेतु राज्य-स्तरीय समिति पुनर्गठित
राज्य शासन ने न्यायालयीन प्रकरणों में जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिये गठित राज्य-स्तरीय समिति का पुनर्गठन किया है। यह पुनर्गठित समिति न्यायालयीन प्रकरणों की प्रस्तुति में जाँच एवं अभियोजन स्तर पर लापरवाही अथवा जान-बूझकर विद्वेषपूर्ण विवेचना के कारण न्यायालय से प्रतिकूल निर्णय होने पर संबंधितों की जिम्मेदारी निर्धारित करेगी। जिला-स्तर पर गठित समिति यथावत रहेंगी। यह कार्यवाही माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में की गयी है।प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राज्य-स्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति में संचालक लोक अभियोजन को सदस्य और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भोपाल को सदस्य सचिव मनोनीत किया गया है।माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 7 जनवरी, 2014 में दिये गये निर्देशों के अनुपालन में यह समिति दोषमुक्ति के प्रकरणों की प्रति माह (10 तारीख तक) समीक्षा करेगी। समिति समीक्षा में जिन-जिन अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही/त्रुटि पायेगी, उनके विरुद्ध कार्यवाही की अनुशंसा गृह विभाग को भेजेगी। गृह विभाग हर तीन माह में एक बार बैठक कर इस पर आवश्यक कार्यवाही करेगा।यह समिति विवेचना एवं अभियोजन अधिकारियों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम/कार्यक्रम में शामिल किये जाने वाले विषयों की भी समीक्षा कर प्रति वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में गृह विभाग को रिपोर्ट भेजेगी।
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