विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ने वाली युवा महिला अधिकारी निशा बांगरे की बुधवार की रात को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दिल्ली से बात करने का आश्वासन मिलने के बाद बांगरे के तेवर ठंडे पड़ गए हैं। पढ़िये रिपोर्ट, दिल्ली से चर्चा के क्या हैं मायने।
मध्य प्रदेश की राज्य प्रशासनिक सेवा की युवा महिला अधिकारी और पूर्व छतरपुर एसडीएम निशा बांगरे ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अब तक कई महीनों से राज्य सरकार और राज्य शासन के अलावाअफसरों से लड़ाई लड़ी लेकिन सोमवार को अचानक उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिए जाने और वहीं, कुछ देर पहले आमला विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट दे दिए जाने से कमलनाथ पसोपेश में पड़ गए हैं। बांगरे भी कांग्रेस द्वारा अपने छल किए जाने की आशंका के चलते पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ से दो टूक सवाल पूछ लिया कि वे अपना स्टैंड क्लियर करें कि वे इस्तीफे मंजूर होने के बाद टिकट देंगे या नहीं। हालांकि बांगरे को कुछ घंटे बाद ही शाम सात बजे छिंदवाड़ा में बुधवार की शाम को बुलाने का संदेश दिया गया।
मुलाकात के बाद तेवरों में ठंडापन
छतरपुर जिले की पूर्व एसडीएम बांगरे की छिंदवाड़ा में कमलनाथ से शाम सात बजे मुलाकात हुई और फिर बांगरे ने चुप्पी कर ली। बांगरे का कहना है कि कमलनाथ से चर्चा में उन्होंने आश्वास्त किया है कि दिल्ली से चर्चा के बाद कोई हल निकाला जाएगा। हालांकि बांगरे चुनाव लड़ने की तैयारी की वजह से अब पीछे नहीं हटना चाहती हैं। वहीं, कमलनाथ ने दिल्ली से बात कर कोई हल निकालने का आश्वासन देकर निशा बांगरे को शांत कर दिया है।
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