मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 79 प्रत्याशियों का ऐलान तीन सूची जारी कर दिया है तो कांग्रेस अभी केंद्रीय चुनाव समिति के साथ प्रत्याशी चयन पर चर्चा में उलझी है। हालांकि शनिवार को दिल्ली में सीईसी ने 140 विधानसभा सीटों पर चर्चा कर नाम के पैनल में से अधिकांश पर फैसला ले लिया है। कहा जा रहा है कि पित्र पक्ष समाप्ति तक ऐलान का इंतजार किया जाएगा। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों में से करीब 140 विधानसभा क्षेत्रों पर एक सप्ताह में फैसला ले लिया जाएगा। यह फैसला पितर पक्ष की समाप्ति के बाद होगा। दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में आज कई घंटे तक केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश के दिग्गज नेताओं के बीच चर्चा हुई जिसमें 140 सीटों पर मंथन हुआ। इस मंथन में जो नाम सामने आए उन्हें अभी एक सप्ताह तक और इंतजार करना होगा क्योंकि पार्टी पितरों को विदा करने के बाद ही अपने प्रत्याशियों को हरी झंडी देने के मूड में है। वैसे कहा जा रहा है कि 140 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर पर नाम फाइनल कर लिए गए हैं और कुछ सीटों पर प्रदेश के नेताओं को फिर से चर्चा करने को कहा गया है।
स्क्रीनिंग कमेटी में और होगी चर्चा
सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय चुनाव समिति ने अभी 90 सीटों को लेकर किसी प्रकार की बातचीत नहीं की है लेकिन 140 सीटों में से कई पर प्रत्याशियों के नाम को फाइनल कर लिया है। कुछ सीटों को लेकर अभी स्क्रीनिंग कमेटी को एकबार फिर चर्चा के लिए कहा गया है और वे भी एक सप्ताह के भीतर अंतिम दौर की चर्चा कर पित्र पक्ष की समाप्ति के बाद कभी सार्वजनिक कर दिए जाएंगे। वहीं, स्क्रीनिंग कमेटी की चर्चाओं के बिंदुओं के लीक करके उससे केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक को प्रभावित करने के आरोप पार्टी नेताओं द्वारा दबी जुबान में लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश के कुछ दिग्गज नेता समर्थकों के माध्यम से उन्हें हवा दे रहे हैं।
असंतुष्ट की बगावत से बचने की रणनीति
कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करने में देर करने के पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व को प्रत्याशी ऐलान के बाद असंतुष्ट की भगदड़ संभव है। चुनाव की तारीखें के ऐलान के बाद असंतुष्टों को दूसरी पार्टियों में बगावत करने या निर्दलीय चुनाव लड़कर अधिकृत प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाने का मौका नहीं मिलेगा।
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