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तेजस्विनी की चमक से लुगासी की ग्रामीण महिलाओं की चमकी किस्मत
छतरपुर जिले में तेजस्विनी कार्यक्रम में ग्राम लुगासी की 90 महिलाओं ने रानी लक्ष्मी बाई तेजस्विनी महिला महासंघ महाराजपुर से जुड़कर दुग्ध व्यवसाय से आत्म-निर्भरता की ओर एक और कदम बढ़ाया है। अब यह महिलाएँ स्वयं की तकदीर और तस्वीर बदल रही हैं।पशुधन समृद्धता के मामले में यह ग्राम पहले से ही मशहूर था। पहले यहाँ के लोग दुग्ध वेंडर को 20 से 25 रूपये लीटर दूध बेचते थे। इसमें भी आधा-अधूरा भुगतान मिल पाता था। दुग्ध संकलन केन्द्र लुगासी की महिला गिरजा यादव ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक से मिलकर सलाह ली और अन्य महिलाओं को भी जोड़कर इस काम में जुट गईं। समिति में आने वाले दूध का परीक्षण गर्बर मशीन से किया जाता है। दुग्ध प्रदायकों को रोजाना दुग्ध संकलन केन्द्र के माध्यम से नकद भुगतान किया जाता है। इससे इन महिलाओं को प्रतिलीटर 10 से 15 रूपये का लाभ होने लगा है। इस ग्राम से रोजाना 2 क्विंटल दूध उत्पादन होता है जिसे समिति को 5 से 6 हजार रूपये की आय होने लगी है।दुग्ध व्यवसाय से हुए फायदे से गिरजा यादव अब एक भैंस और जर्सी गाय की मालकिन है। समिति की अन्य महिलाएँ भी उच्च नस्ल के दुधारु खरीदने के लिए आगे आ रही है।उल्लेखनीय है कि तेजस्विनी कार्यक्रम में छतरपुर जिले में 10 दुग्ध संकलन केन्द्र संचालित हैं। संकलन केन्द्र दुग्ध द्वारा प्रदायकों को उनकी मांग पर न्यूनतम मूल्य पर सुदामा पशु आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। संघ की सचिव श्रीमती सरिता सक्सेना ने बताया कि यहाँ की महिलाएँ आर्थिक समृद्धि के साथ ही अंगूठा लगाने की जगह अब हस्ताक्षर करने लगी हैं।
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