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जैविक खाद से कृषि लागत हुई लगभग शून्य
ग्राम कचनारिया तहसील आगर के किसान गंगासिंह आज आधुनिक तरीकमे से जैविक खेती कर रहे है। इस खेती से लागत और मेहनत का भरपूर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। अब गंगासिंह उन्नत कुषक बन गये हैं।
किसान गंगा सिंह पूर्व में अन्य किसानों की तरह पारम्परिक तरीके से खेती कर रहे थे। इससे लागत के अनुरूप लाभ प्राप्त नहीं हो रहा था। इसी बीच आत्मा परियोजना के तकनीकी सहायक श्री वेदप्रकाश सेन के सम्पर्क में आये गंगा सिंह। तब उन्हें कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में मालूम हुआ। इसके बाद गंगा सिंह ने विभाग द्वारा आयोजित जैविक प्रशिक्षणों में भी भाग लिया। प्रशिक्षणों में उन्हें जैविक खाद बनाने की तकनीक का ज्ञान प्राप्त हुआ।आत्मा परियोजनान्तर्गत गंगा सिंह ने वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण करवाकर जैविक खाद का उत्पादन करना प्रारंभ कर दिया। अब जैविक खाद बनाकर स्वयं की खेती में इसका उपयोग कर रहे हैं। इस प्रयोग से गंगा सिंह की कृषि लागत लगभग शून्य हो गई है। फसल भी अधिक मात्रा में क्वालिटी की मील रही है। इस किसान के लिये खेती अब लाभ धन्धा बन गई है।गंगासिंह अब जैविक खाद तैयार कर स्वयं तो अपनी खेती में उपयोग करते ही हैं, साथ ही अन्य किसानों को भी जैविक खाद का विक्रय कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
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