मध्य प्रदेश सामाजिक न्याय और कल्याण विभाग ने डेफ केन फाउंडेशन के साथ मिलकर इंटरनेशनल साइन लैंग्वेज डे मनाया। इसमें साइन लैंग्वेज सबको सीखने की बात सामने आई और कहा गया है कि मध्य प्रदेश की किताबों में क्यूआर कोड हो। पढ़िये रिपोर्ट।
इंटरनेशनल साइन लैंग्वेज डे जो सामाजिक न्याय एवम कल्याण और डेफ केन फाउंडेशन के साथ मध्यांचल डेफ एसोसिएशन के साथ संचालनालय के ऑडिटोरियम हाल में मनाया गया। कार्यकम में चार डेफ बच्चों को सम्मान भी क्या गया इनको अभी कुछ दिन पहले पेट्रोल पंप पर जॉब के लिए लगवाया गया था साथ ही सांकेतिक भाषा मैं बच्चों द्वारा कहानियों को सांकेतिक भाषा में अच्छे से चित्रण करने के लिए प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को अपर संचालक श्रीमती राज्यश्री राय,श्री आर के सिंह ,श्रीमती प्रीति सोनी सचिव डेफ केन फाउंडेशन , श्री कमलेश डोंगरे ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में यह बात भी सामने आई कि किताबों में QR कोड हो तथा पुलिस स्टेशन-अस्पताल में ऐसा बार कोड हो जिसको स्कैन करते ही एक लाइव इंटरप्रेटर मिल जाए।
प्रीति जैन ने कहा साइन लैंग्वेज सबको सीखना चाहिए
कार्यक्रम में श्रीमती प्रीति सोनी ने कहा कि साइन लैंग्वेज इतनी इंपोर्टेंट लैंग्वेज है , क्योंकि साइन लैंग्वेज एक मदर लैंग्वेज है और साइन लैंग्वेज हम चाहते है की सब लोग इसे सीखे। स्कूलों में बधिर टीचर्स को भी और स्थान दिया जाए जिससे आम बच्चों को भी साइन लैंग्वेज का ज्ञान हो सके । मध्य प्रदेश की किताबों में क्यूआर कोड के फॉर्म में साइन लैंग्वेज में किताबें हो जिससे किसी को उसका ज्ञान लेना हो तो वह आसानी से ले सके इससे टीचर्स को और बच्चों को दोनों का फायदा मिलेगा। कमलेश डोंगरे द्वारा बधिरओ की समस्याओं को प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती कल्पना मिश्रा द्वारा किया गया एवं अतिथियों का आभार श्री आरके सिंह संयुक्त संचालक द्वारा किया गया।
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