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आदिवासी लोक कला को जन-जन तक पहुँचाना आवश्यक
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में ट्रायबल पेंटिग वर्कशाप का उदघाटन करते हुए कहा कि आदिवासी लोक कला को स्कूलों में अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में शुरू किया जाये तथा इसकी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाये। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोक कला को जन-जन तक पहुँचाने के लिये इसके प्रचार-प्रसार की बहुत आवश्यकता है। राज्यपाल ने स्वास्तिक की आकृति बनाकर वर्कशाप का शुभारंभ किया। राजभवन परिसर में स्थित क्षिप्रा अतिथि-गृह में 15 फरवरी से 23 फरवरी, 2018 तक चलने वाले इस वर्कशाप का आयोजन संस्कृति विभाग, आदिवासी लोक कला परिषद और लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, भोपाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। इस वर्कशाप में भील और गौंड जाति के 10-10 कलाकार अपनी पेंटिंग का प्रदर्शन करेंगे। वर्कशाप प्रतिदिन प्रात: 11 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी।इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ.एम मोहनराव, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव, आयुक्त आयुष श्रीमती शिखा दुबे, संचालक श्री अक्षय कुमार सिंह , समन्वयक जनजाति संग्रहालय श्री अशोक मिश्र, और निदेशक श्रीमती वंदना पांड्या भी उपस्थित थीं।
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