जबलपुर में केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम यंत्रा इंडिया लिमिटेड के एक वर्क्स मैनेजर ने फायरमैन और फायर इंजन ड्राइवर सप्लाई करने वाली निजी कंपनी के मालिक से कार्यपूर्णता सर्टिफिकेट देने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। कंपनी द्वारा सीबीआई को शिकायत करने के बाद गुरुवार को वर्क्स मैनेजर को एक लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई के एक्शन पर पढ़िये रिपोर्ट।
जबलपुर में केंद्र सरकार के उपक्रम यंत्रा इंडिया लिमिटेड की इकाई ग्रे आयरन फाउंड्री है जिसे एक निजी कंपनी ने 12 फायरमैन और छह फायर इंजन के ड्राइवर की सप्लाई की थी। इन कर्मचारियों की सप्लाई के बाद अप्रैल, मई और जून 2023 के 16 लाख रुपए के भुगतान के लिए निजी कंपनी ने बिल सब्मिट किए थे लेकिन बिल भुगतान में देरी होने से कंपनी के मालिक को परेशानी हुई। बिल भुगतान के लिए कार्यपूर्णता सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ी जो ग्रे आयरन फाउंड्री के वर्क्स मैनेजर गौरव कुशवाह के हस्ताक्षर से जारी होना था। विगत 18 सितंबर को निजी कंपनी के मालिक ने अपने बेटे को ग्रे आयरन फाउंड्री के वर्क्स मैनेजर से कार्यपूर्णता सर्टिफिकेट लेने भेजा था लेकिन उसने कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र देने के लिए एक लाख रुपए की मांग की।
रिश्वत की मांग का वीडियो सीबीआई को सौंपा
जानकारी के मुताबिक फायरमैन और फायर इंजन ड्राइवर देने वाली निजी कंपनी के मालिक ने ग्रे आयरन फाउंड्री के वर्क्स मैनेजर द्वारा रिश्वत मांगे जाने का वीडियो बनाकर सीबीआई को सौंपा। सीबीआई ने तमाम जांच पड़ताल के बाद गुरुवार को गौरव कुशवाह को रिश्वत लेते हुए पकड़ने के लिए योजना बनाई और उसे रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसके कार्यालय और निवास पर सीबीआई ने सर्च शुरू की जिसमें सीबीआई को कई संदेहास्पद दस्तावेज मिले हैं। सीबीआई की सर्च जारी है और निवास व कार्यालय से मिले दस्तावेज की पड़ताल शुरू कर दी गई है।
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