पश्चिम मध्य रेलवे और नेशनल हाईवे अथॉरिटी के तीन अधिकारियों ने एक ठेकेदार की डिजाइन की मंजूरी, बकाया बिलों को पास करने के लिए एक लाख रुपए की मांग की लेकिन सीबीआई ने रिश्वत के लेन-देन के दौरान रेलवे के एक टेक्निश्यिन व निजी कंपनी के कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। साथ ही रेलवे-एनएचए के तीन अधिकारी-कर्मचारी भी पकड़े गए। सीबीआई ने इस मामले में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर करते हुए 13 स्थानों पर छापे मारे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पदस्थ पश्चिम मध्य रेलवे के उप मुख्य अभियंता संजय कुमार निगम, टेक्निश्यिन पश्चिम मध्य रेलवे राकेश चौकसे, नेशनल हाईवे अथॉरिट के उप महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक रामराव दाधे, श्रीजी कंस्ट्रक्शन इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के दो कर्मचारी रामसंजीवन पाल और नारायण दास सहित सात आरोपियों के खिलाफ 23 जुलाई को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप था कि इन लोगों द्वारा एक ठेकेदार की डिजाइन को मंजूरी देने और पुराने बिलों को पास करने के लिए एक लाख रुपए की मांग की थी।
रिश्वत के लेन-देन में दो पकड़े और तीन बाद में गिरफ्तार
सीबीआई ने राकेश चौकसे द्वारा श्रीजी कंस्ट्रक्शन इंडिया प्रा. लिमि. के कर्मचारी से रिश्वत की राशि के रूप में 50 हजार रुपए का जब लेन-देन किया जा रहा था तभी दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद तीन अन्य आरोपी संजय कुमार निगम, रामराव दाधे और नारायण दास की गिरफ्तारी की गई। सीबीआई ने भोपाल की सीबीआई की विशेष कोर्ट में आरोपियों को पेश किया जहां से उन्हें 28 जुलाई तक के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया।
13 स्थानों पर छापे मारे
सीबीआई ने पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल रेल मंडल कार्यालय स्थित संभागीय कार्यालय में रिश्वत के लेन-देन पर आरोपियों को पकड़ने के बाद एकसाथ 13 स्थानों पर छापे मारे। भोपाल, जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, इंदौर, रीवा में ये छापे मारे गए जिसमें बड़ी मात्रा में संपत्ति के दस्तावेज व कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। पश्चिम मध्य रेलवे के उप मुख्य अभियंता निगम के घर से पांच लाख 35 हजार रुपए नकद राशिऔर करीब डेढ़ सौ ग्राम सोने के जेवरात, उप महाप्रबंधक एनएचए रामराव दाधे के यहां से 600 ग्राम सोने के जेवर, 200 ग्राम चांदी के आभूषण सीबीआई को मिले।
Leave a Reply