मध्य प्रदेश की शराब नीति पर सरकार को विपक्ष की जगह अपनी ही नेता की लगातार नसीहत व चेतावनी का सामना करना पड़ रहा है और आज फिर उन्होंने शिवराज सरकार को नई नीति बनाने में कुछ लोगों की दखलदांजी पर चेतावनी दे डाली है। इस बार उन्होंने नीति बनाने वाले लोगों को भी नसीहत दी है। जानिये किन लोगों की दखलंदाजी वे नहीं चाह रही हैं।
उमा भारती ने नई शराब नीति के लिए जनवरी के अंतिम सप्ताह में घर छोड़कर एक मंदिर में चार दिन बिताए थे औऱ 31 जनवरी की शाम तक उसकी प्रतीक्षा की थी जिसके बाद वे ओरछा रवाना हो गईं। वहां की एक शराब की दुकान को अवैध बताते हुए ऐलान किया था कि विधि विभाग की भूल से उसे अदालत से स्टे मिल गया है। वे उस मधुशाला को गौशाला में बदलने का ऐलान कर ओरछा के लिए निकली थीं और आज नई शराब नीति बनाए जाने में शराब ठेकेदारों की दखलंदाजी पर ट्वीट कर दिया। उन्होंने कहा कि शराब नीति बनाने में ठेकेदार और अधिकारियों की दखलंदाजी नहीं होना चाहिए। नीति में ठेकेदारों के नुकसान की जगह महिलाओं की सुरक्षा, नौजवानों के भविष्य की चिंता होना चाहिए।
अधिकारी जनसेवक, वे नीति को लागू कराएं
भारती ने शिवराज सरकार को शासक की तरह काम करने की सलाह दी और कहा कि वे शराब नीति बनाएं। अधिकारी जनसेवक हैं और उनका काम सरकार की नीति को लागू करना है। शराब के ठेकेदारों के नुकसान की चिंता नीति में नहीं दिखाई देना चाहिए।
Leave a Reply