मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार तो बन गई लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने शिवराज सिंह चौहान को सीएम नहीं बनाकर डॉ. मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंप तो दी है लेकिन सत्ता के सूत्र मोहन के पास हैं या नहीं यह अभी भी कई मर्तबा शंका के दायरे में खड़े नजर आते हैं। लगा है कि आज भी शिव का राज मध्य प्रदेश में है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में करीब एक महीने पहले भाजपा पांचवीं बार सरकार में आई और पार्टी नेतृत्व ने बड़ा फैसला करते हुए राजा विक्रमादित्य की नगरी उज्जैन से आने वाले डॉ. मोहन यादव को सीएम की कुर्सी पर बैठा दिया। मोहन यादव ने अपने कुछ फैसलों से यह अहसास करने का प्रयास किया कि वे जनता के हित के खिलाफ जाने वालों को बख्शेंगे नहीं और यह गुना हादसे से लेकर शाजापुर में ड्रायवर की औकात पूछे जाने के नौकरशाह के कृत्य के खिलाफ एक्शन से सामने भी आया। यह तो मोहन ने अपने एक्शन से अहसास कराया लेकिन एक बात पर्दे के पीछे घटी और इसका पूरे प्रदेश में सड़क किनारे-चौराहों पर दिखाई देने वाले शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर के विज्ञापनों के रातों-रात गायब हो जाने के घटनाक्रम से सामने भी आया। इतने बदलाव के संकेतों के बाद भी शिवराज सिंह चौहान अपने 18 साल के सीएम की कुर्सी की ताकत को दिखाने में कभी बहनों-भांजियों तो कभी सरकार के आदेशों को चुनौती देने से नहीं चूक रहे हैं। कुछेक मर्तबा यह आभास भी हुआ कि मोहन के पास सत्ता के सूत्र तो हैं मगर शिव का राज कायम है।
शिवराज के बयान-भाषण की बानगी
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटे एक महीना हुआ है लेकिन उनके व्यवहार से यह अहसास होने लगा है कि उनकी उपेक्षा वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे अपने विधानसभा क्षेत्र बुदनी-रेहटी में जाते हैं तो बहनों के रोते-बिलखते चेहरों और उनके साथ अन्याय किए जाने के महिलाओं के बयानों के वीडियो वायरल किए जाते हैं। वहीं, राजनीति की लाठी के रूप में जिन बहनों-भांजे-भांजियों को वे इस्तेमाल करते रहे हैं, कुर्सी से हटने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एकबार फिर उनके नाम पर अपने बंगले का नामकरण करने का प्रचार किया। घर को मामा का घर बताकर सोशल मीडिया पर भावनात्मक संदेश देने की कोशिश की। अब वे एक भाषण में होर्डिंग-बैनर से अपनी तस्वीर के गायब होने पर गधे के सिर से सींग गायब होने की बात कहकर लोगों की हमदर्दी जुटाने की कोशिश में लगे हैं। सरकार के लाउड स्पीकर को लेकर जारी आदेश पर शिवराज एक वायरल वीडियो में खुलकर चुनौती देते हुए सुनाई दे रहे हैं, वे बैंड बाजे, ढोल-ताशे बजाएं, वे देखते हैं कौन क्या करता है।
सीएम यादव की नम्रता
वहीं, शिवराज कैबिनेट में सहयोगी रहने के बाद शीर्ष नेतृत्व की सीएम कुर्सी के लिए पसंद बने डॉ. मोहन यादव इतने सबके बाद भी उनके प्रति नम्रता का प्रदर्शन कर रहे हैं। शिवराज के लगातार बयानों के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव उनसे सौजन्य भेंट करने पहुंचे। वहीं, क्षेत्रों को गोद लेने के पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर तंज भरी टिप्पणी करने वाले मंत्री दिलीप सिंह अहिरवार भी शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर मुलाकात करने पहुंचे। यह नम्रता सरकार के रास्ते में आने वाले अपने पूर्व सीएम के सम्मान में है या शीर्ष नेतृत्व के संदेश वाहक की भूमिका में मुलाकात, यह आने वाला वक्त बताएगा।
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