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BJP में सांसदों के खिलाफ कार्यकर्ताओं की आवाज उठने पर केंद्रीय मंत्री ने चुनौती से जवाब दिया और पूर्व मंत्री को ‘आयातित नेता’ बताया

मध्य प्रदेश में भाजपा को जिस ढंग से विधानसभा व लोकसभा में जनता ने बहुमत दिया, अब उस बहुमत से जीतकर सांसदों के खिलाफ पार्टी के भीतर ही विरोध की आवाज उठने लगी है। रीवा में सांसद ने अपनी पार्टी के विधायक के दिवंगत पिता के खिलाफ टिप्पणी करने से जहां विरोध होने लगा है तो वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र छतरपुर में टीकमगढ़ सांसद व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के खिलाफ जिले के विधायकों ने मोर्चा खोल लिया है। हालांकि केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया है लेकिन विवाद अभी शांत नहीं हुआ है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश भाजपा में लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों के बीच मतभेदों की स्थितियां निर्मित हो रही हैं। रीवा में जिस तरह पिछले दिनों सांसद जनार्दन मिश्र ने दिवंगत नेता पूर्व विधानसभा अध्य़क्ष श्रीनिवास तिवारी को भ्रष्ट के साथ कुछ अन्य टिप्पणियां की थीं, उससे स्थानीय स्तर के साथ प्रदेशभर में उनके खिलाफ विरोध के स्वर उठे हैं। गौरतलब है कि श्रीनिवास तिवारी के पोते इस समय भाजपा से विधायक हैं। हालांकि अभी विधायक पोते ने अपने दादा के खिलाफ सांसद मिश्र की टिप्पणियों पर मुखर होकर कोई बयान नहीं दिया है, मगर स्थानीय नेताओं ने सांसद की टिप्पणी को अनुचित बताया है।
छतरपुर में सांसद-विधायक आमने-सामने
दूसरे सांसद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार हैं जिनके खिलाफ छतरपुर जिले के विधायक आमने-सामने आ गए हैं। पूर्व मंत्री और महाराजपुर के पार्टी विधायक कामाख्या सिंह के पिता मानवेंद्र सिंह ने खुलकर विधानसभा क्षेत्र के विकास के काम में बाधाएं डालने का आरोप लगाया है। वहीं, जिले की एक अन्य विधायक उमा यादव केंद्रीय मंत्री की बैठक में नहीं पहुंची। हालांकि वीरेंद्र कुमार ने दमोह और फिर छतरपुर में मानवेंद्र सिंह के आरोपों पर खुली चुनौती देकर उन्हें चेतावनी दी कि वे आरोपों को सिद्ध करें। वीरेंद्र कुमार ने मानवेंद्र सिंह को आयातित नेता तक कहा और कहा कि उन्होंने अभी दीनदयाल उपाध्याय को नहीं पढ़ा है।
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