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राहुल की न्याय यात्रा मध्य प्रदेश में, प्रवेश कार्यक्रम में एमपी के बुजुर्ग नेताओं के आगे युवा, रोड शो में साथ-साथ

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने शनिवार को दोपहर बाद मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश किया जिसके प्रवेश कार्यक्रम मुरैना में मंच से राहुल ने एमपी के बुजुर्ग नेताओं के आगे युवा नेतृत्व को रखकर संकेत दिया कि अब कमलनाथ-दिग्विजय सिंह का युग खत्म हो गया है। कभी दिल्ली में हाईकमान के नजदीक रहे नेताओं के नाम राहुल को मध्य प्रदेश में होने के बाद भी याद नहीं आए। वहीं, राहुल गांधी ने मंच और रोड शो में ओबीसी, दलित-आदिवासी की आबादी के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी न होने की बात कहकर लोगों के बीच तीन फीसदी बड़े लोगों के हाथों में देश में फैसले लेने की ताकत के बारे में बताया। पढ़िये रिपोर्ट।
राहुल गांधी की न्याय यात्रा दोपहर बाद राजस्थान के धौलपुर से होते हुए मध्य प्रदेश की सीमा प्रवेश की और शाम को मुरैना में पहुंची जहां एमपी में राहुल का पहला संबोधन हुआ। मुरैना के मंच और सड़कों पर कांग्रेसजनों ने यात्रा के स्वागत में पोस्टर-बैनर लगाए थे जिनमें मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ-दिग्विजय सिंह के इक्का-दुक्का चित्र दिखाई दिए तो युवा नेतृत्व जीतू पटवारी-उमंग सिंगार, हेमंत कटारे की तस्वीरें अधिकांश नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपने पोस्टर-बैनर में लगाई थीं।

11 नेताओं में आठवें-नौवें नंबर दिग्विजय-नाथ
वहीं, मंच से जब राहुल गांधी ने अपने संबोधन में 11 नेताओं के नाम लिए और शेष नेताओं को वरिष्ठ नेता कहकर अपनी बात शुरू कर दी। मध्य प्रदेश में होने के बाद भी राहुल गांधी को मंच पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरैश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव से लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, डॉ. गोविंद सिंह, एकमात्र कांग्रेस सांसद नकुल नाथ, राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा, अशोक सिंह का नाम याद नहीं आया। राहुल ने जिन 11 नेताओं के नाम लिए उनमें मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह, राजस्थान के प्रदेश प्रभारी महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा के बाद मध्य प्रदेश की धरती पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत का नाम पुकारा। इसके बाद एमपी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और फिर राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा व नेता प्रतिपक्ष टीकाराम का नाम लिया। इनके बाद आठवें क्रम पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह तो नौवें नंबर कमलनाथ का नाम लेकर संबोधित किया। 11वें नंबर सीडब्ल्यूसी सदस्य व मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल का नाम पुकारा। मगर, रोड शो में बुजुर्ग नेताओं दिग्विजय व कमलनाथ को राहुल गांधी ने अपने बाजू में खड़ा किया। उनके पीछे जीतू पटवारी-उमंग सिंगार खड़े दिखे।

75 फीसदी लोगों के अधिकार के लिए जाति जनगणना बताई जरूरी
राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में यात्रा के प्रवेश के बाद मुरैना की सभा और रोड शो में लोगों को जाति जनगणना को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि ओबीसी, दलित, आदिवासी की आबादी 75 फीसदी है लेकिन उनकी बड़ी कंपनियों के मालिकाना हक, फैसले लेने वाले 90 आईएएस की टीम, कोर्ट में फैसले सुनाने वाले जजों में भागीदारी बेहद कम है। तीन फीसदी वाले लोगों का निजी कंपनियों में, फैसले लेने वाले आईएएस अफसरों, जजों और मीडिया संस्थानों में कब्जा है। जाति जनगणना जब ओबीसी, दलित, आदिवासी की आबादी का पता चलेगा तो वे अपनी भागीदारी के लिए जागरूकता आएगी और इससे भाजपा व मोदी सरकार डरती है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले खुद को ओबीसी बताते थे लेकिन जब जाति जनगणना की मांग की गई तो वे बोलने लगे कि देश में केवल दो जातियां हैं, एक अमीर और दूसरी गरीब। राहुल गांधी ने कहा कि ओबीसी, दलित, आदिवासी को न्याय दिलाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में न्याय शब्द को जोड़ा है।
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