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MPPSC ने बढ़ाई सरकारी कॉलेजों की भर्ती आवेदन परीक्षा तारीख, अतिथि विद्वान देंगे नाती-पोते-नातिन-पोती के साथ परीक्षा…

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सरकारी कॉलेजों में की जा रही भर्ती परीक्षा को बढ़ा दिया है मगर अतिथि विद्वान ने फिर उनके लिए भी परीक्षा में बैठने की अनिवार्यता का विरोध किया। अतिथि विद्वान से यह परीक्षा ली गई तो फिर परीक्षा केंद्रों पर यह दृश्य दिखाई देंगे कि अतिथि विद्वान अपने नाती-पोते व नातिन-पोती के साथ बैठकर प्रश्न पत्र हल कर रहे होंगे और उत्तर पुस्तिका भर रहे होंगे। जानिये भर्ती परीक्षा की नई तारीख व अतिथि विद्वानों की व्यथा।
मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में निकली सहायक प्राध्यापक, ग्रन्थपाल, क्रीड़ा अधिकारी भर्ती परीक्षा 2024 में ऑनलाइन आवेदन करने कि तारीख मप्र लोक सेवा आयोग ने बढ़ा दी है। आयोग की वेबसाइट पर विज्ञापन क्रमांक 17/2024 से 44/2024 जारी किया गया था जिसमें परीक्षा तारीख 26 मार्च 2024 को होना थी।अब नए कार्यक्रम के मुताबिक ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 10 अप्रैल 2025 दोपहर 12 बजे तक कर दी गई है। वहीं ऑनलाइन आवेदन में त्रुटि सुधार करने की अंतिम तिथि 12 अप्रैल 2025 दोपहर 12 बजे तक की गई है। अन्य शर्तों को पूर्व के विज्ञापन की तरह ही रखा गया है।
कोर्ट गए लोगों को दी गई पात्रता
बदले गए कार्यक्रम के विज्ञापन में अदालत में गए अभ्यर्थियों के लिए शर्त जोड़ी गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जो अभ्यर्थी विभिन्न मामलों को लेकर कोर्ट गए थे उनके लिए सुद्धि पत्र में उल्लेख किया गया है। याचिका के मूल विषयवस्तु का उल्लेख करते हुए आयोग को अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे जिसमें उनके मोबाईल नंबर तथा ईमेल का अनिवार्य रूप से उल्लेख करेंगे। याचिकाकर्ताओं से अभ्यावेदन प्राप्त होने पर ऑनलाइन आवेदन कि लिंक याचिकाकर्ताओं को ईमेल पर प्रेषित की जाएगी।
अतिथि विद्वानों का विरोध अभी भी जारी
प्रदेश के सरकारी कॉलजों में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा करने वाले अतिथि विद्वान पीएससी को हल नहीं मान रहें हैं। अतिथि विद्वानों का कहना हैं कि 50, 55, 60 कि उम्र में पीएससी लेना या देना सही नहीं है। अतिथि विद्वानोें ने सवाल किया है कि अब नाती-पोते, बहु-बेटियां, अतिथि विद्वान दादा-दादी-नाना-नाली के साथ परीक्षा देंगे क्या। महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अविनाश मिश्रा ने बताया कि सरकार कई बार अतिथि विद्वानों को स्थाई समायोजन एवं फिक्स वेतन का बोल चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है जो निराशाजनक है। महासंघ के मीडिया प्रभारी डॉ. आशीष पांडेय का कहना है कि सरकार को संवेदनशील को संवेदनशीलता के साथ रिक्त पदों में वर्षों से सेवा करने वाले अतिथि विद्वानों को स्थाई करना चाहिए। अतिथि विद्वान अनुभवी हैं, योग्य हैं। इनको उन्ही पदों में समायोजन करना चाहिए।
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