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PCCF रैंक पाने SC तक लड़ाई, अजीत श्रीवास्तव अंततः प्रमोट

वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी अजीत श्रीवास्तव को प्रधान मुख्य वन संरक्षक पद पर पदोन्नति पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ना पड़ी और अदालत के आदेश के चार महीने बाद राज्य शासन ने अब उन्हें पीसीसीएफ पद पर पदोन्नति दी है। श्रीवास्तव को पीसीसीएफ बनाते हुए राज्य जैव विविधता बोर्ड का सचिव बनाकर भेजा गया है।
1987 बैच के आईएफएस अधिकारी अजीत श्रीवास्तव प्रधान मुख्य वन संरक्षक पद पर प्रमोशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे और चार महीने पहले कोर्ट ने उन्हें प्रमोशन देने के राज्य शासन को निर्देश दिए थे। अब जाकर अदालत के आदेश का पालन करते हुए राज्य शासन ने उन्हें सचिव राज्य जैव विविधता बोर्डबनाया है। श्रीवास्तव अगस्त महीने में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। श्रीवास्तव की पदस्थापना के बाद पीसीसीएफ डॉ अतुल श्रीवास्तव बोर्ड के सदस्य सचिव के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त हो जाएंगे।
श्रीवास्तव को सितंबर 2020 की सीनियरीट मिली
श्रीवास्तव को पदोन्नत कर पदस्थापना करने का आदेश सोमवार को जारी किया है। 3 पेज के जारी पदोन्नति आदेश में 4 सितंबर 2020 से पीसीसीएफ के पद पर पदोन्नत करने की बात कही गई है। राज्य शासन ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करते हुए श्रीवास्तव को पदोन्नत किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि श्रीवास्तव को पदोन्नति पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ना पड़ी। केंद्रीय प्रशासनिक अभिकरण ने उनके पक्ष में निर्णय किया सरकार ने नहीं सुनी। कैट की सुनवाई नहीं होने पर श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके पक्ष में निर्णय देते हुए 4 महीने पहले राज्य शासन को उनके पदोन्नति का बंद लिफाफा खोलने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने के बाद अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अजीत श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तत्कालीन प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल को पत्र लिखे पर कोई निर्णय नहीं हो पाया था। राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद यूपीएससी से अभिमत मांगा। यूपीएससी से अभिमत आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी श्रीवास्तव का बंद लिफाफा खोल कर उन्हें पदोन्नत करने के संकेत दे दिए थे।
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