PANGOLIN जैसे संरक्षित वन्यप्राणी के 13 HUNTER बुरहानपुर में पकड़ाए, इन जंगली जानवरों को करते रहे शिकार

जंगलों में अतिक्रमणकारियों से जूझ रहे बुरहानपुर वन मंडल में आज 13 ऐसे लोगों को धरदबोचा गया जो पैंगोलिन जैसे संरक्षित वन्य प्राणियों के शिकार करते थे। इनके बयानों से साफ हो गया है कि अपने खाने के लिए ये जंगली जानवरों का शिकार करने के आदी हैं और अब तक कई जंगली जानवरों को शिकार कर वे मार चुके हैं। इनके पास ऐसे हथियार भी मिले हैं जो बुरहानपुर क्षेत्र के जंगलों पर अतिक्रमणकारी इस्तेमाल करते रहे हैं। आईए पढ़िये हमारी रिपोर्ट जिसमें इन शिकारियों को जो अतिक्रमण के साथ जंगली जानवरों को मारकर खाने के लिए बेखौफ होकर जंगल में घूमते फिरते रहे।

सोमवार को बुरहानपुर वन मंडल के अधिकारियों ने 13 अतिक्रमणकारियों को उस समय धर दबोचा जब ये लोग गुड़ी गोंदवाड़ी मार्ग पर फॉरेस्ट के चैकिंग प्वाइंट से गुजर रहे थे। वन विभाग ने इन्हें गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इन अतिक्रमणकारी शिकारियों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 48A, 49B, 50, 51 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। कानून के जानकारों को कहना है कि इन धाराओं के तहत अधिकारियों को 7 साल की सजा हो सकती है।

गोफन-कुल्हाड़ियां व पैंगोलिन के शल्क-सेल्स मिले
2 व 3 अप्रैल की दरमियानी रात में गुड़ी गोंदवाड़ी मार्ग पर क्रूज़र गाड़ी की जब फॉरेस्ट के अमले ने चैकिंग प्वाइंट पर चैकिंग की तो संदिग्ध परिस्थितियां देखकर ड्राइवर व गाड़ी में सवार सभी 13 व्यक्ति से पूछताछ व तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान गाड़ी में आठ गोफन, दो कुल्हाड़ी एवं पैंगोलिन के शल्क/स्केल्स मिले तो तुरंत नावरा वनपरिक्षेत्र अधिकारी सीताराम नरगेश घटनास्थल पर पहुंच गए। वनमण्डल अधिकारी अनुपम शर्मा को सूचना दी गई और फिर अतिरिक्त अमले को बुलाकर पकड़े गए लोगों से सख्ती से पूछताछ शुरू हुई।
चार दिन पहले बड़वानी जिले से आकर घाघरला में जंगल कटाई कर रहे
उप वनमंडल अधिकारी नेपानगर अनिल विश्वकर्मा के समक्ष हुई पूछताछ में अतिक्रमणकारियों ने बताया कि वे चार दिन पहले ही बड़वानी जिले के सेंधवा एवं वरला तहसीलों से आए थे और संतोषी माता मंदिर के पास घाघरला के जंगलों में अवैध कटाई कर रहे थे। साथ ही, इन लोगों ने अपने बयान में बताया कि वे कई बार में आए और उन्होंने हिरण, जंगली सुवर, जंगली खरगोश, पैंगोलिन जैसे जंगली जानवरों को भी मारा और भूनकर भोजन के रूप में उन्हेंं खाया।
पैंगोलिन के मृत शरीर के अवशेष मिले
अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में प्रकरण पंजीबद्ध करने के बाद तलाशी में मृत पैंगोलिन अवशेष बरामद किए गए। क्रूज़र गाड़ी को भी वन विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया। उल्लेखनीय है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 अंतर्गत पैंगोलिन सूची-1 की प्रजाति है, जो सबसे अधिक संरक्षित है। इसके शिकार अथवा अवशेष के अवैध परिवहन पर 7 साल तक के कारावास एवं जुर्माने का प्रावधान है।
पुलिस की पकड़ से दूर कुख्यात अतिक्रमणकारी
वन विभाग के अमले ने अतिक्रमणकारियों को पकड़कर उन्हें जेल भेज दिया किंतु बुरहानपुर पुलिस अभी तक कुख्यात अतिक्रमणकारियों को नहीं पकड़ पाई है। वे खुलेआम घूम रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी पुलिस को सख्त हिदायत दी गई है कि जंगल काटने वालों को कतई न बख्शा जाए। बावजूद इसके अतिक्रमणकारियों का नेतृत्व करने वाले फूल सिंह सुबला, रेव सिंह और लीलाराम जैसे कुख्यात अपराधी पर अतिक्रमण कराने के अलावा कई संगीन अपराधों में संलिप्त होने के बावजूद भी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। जबकि इनके खिलाफ पुलिस में अपराध भी दर्ज हैं। इसके अलावा रतन बारेला, मंगल बारेला, अविनाश, रमेश, आल सिंग, भीम सिंग, दूर सिंग, श्यामू, जान सिंग, सुरपाल, सुखलाल और नवल के खिलाफ एफ आई आर दर्ज होने के बावजूद भी पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी नहीं की है।

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