देश से विलुप्त हुए चीता के 52 साल बाद फिर अफ्रीका-नामीबिया से पुनर्वास कराए जाने के बाद अब तक तीन बार मादा चीता ने शावकों को जन्म दिया है। अयोध्या में राम के सालों बाद फिर पहुंचने के बाद दूसरे दिन ज्वाला मादा ने तीन नन्हें शावकों को जन्म दिया। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश के कूनो चीता प्रोजेक्ट में अफ्रीका और नामीबिया के चीतों की वंशवृद्धि में ज्वाला ने एकबार फिर तीन नन्हें शावकों को जन्म देकर योगदान दिया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। ज्वाला ने एक बार 24 मार्च 2023 में भी चार शावकों को जन्म दिया था लेकिन उनमें से तीन शावक ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाए थे। दो महीने में ही तीन शावकों की मौत हो गई थी। अब करीब दस महीने बाद ज्वाला ने फिर कूनो में पुनर्वासित किए गए चीतों की वंशवृद्धि में योगदान दिया है।
गौरतलब है कि ज्वाला चीता का भारतीय नामकरण है लेकिन यहां आने के पहले वह सियाया के नाम से पहचानी जाती रही थी। ज्वाला के अलावा कूनो में पुनर्वासित आशा भी भारतीय धरती पर चीतों को जन्म दे चुकी है और उसने 2024 के पहले सप्ताह में ही तीन शावकों को जन्म दिया था जो अभी स्वस्थ हैं।
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