मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर के परिसर में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर जी के दर्शन के लिए नागपंचमी पर श्रद्धालुजनों की भीड़ उमड़ी और मध्य रात तक 24 घंटे के दौरान साढ़े आठ लाख से ज्यादा भक्तों ने नाग देवता के दर्शन किए। श्रद्धालुओं ने रजत धातु के नाग देवताओं को भेंट किया। पढ़िये रिपोर्ट।
उज्जैन के महाकाल मंदिर में दूसरी मंजिल पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के द्वार साल में एक बार नागपंचमी को खुलते हैं और इस दिन लाखों की संख्या में भक्त भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करते हैं। इस साल भी बीते 24 घंटे के दौरान भक्तों ने भीड़ भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पहुंची और इस अवधि में आठ लाख 66 हजार 390 भक्त दर्शन के लिए पहुंचे। कई लोगों ने भगवान् श्री महाकालेश्वर के दर्शन के बाद सुंदर, नक्काशीदार रजत निर्मित नाग – देवता भी भेंट किए। गौरतलब है कि मान्यता है कि भगवान शिव आभूषण स्वरूप अपने कंठ में नाग देवता धारण करते हैं व उनके कंठ में वासुकी नाग सुशोभित रहता है. श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु, भक्तगण अनेक अवसरों पर अपनी श्रद्धानुसार अनेक सामग्री मन्दिर में अर्पित करते हैं जिनमें रजत बेलपत्र, त्रिशूल, डमरू, घर, नंदीजी, रुद्राक्ष की माला अन्य आभूषण आदि रहते हैं। इसी क्रम में मन्दिर पहुंचे श्रद्धालु ने बताया कि वे भगवान श्री महाकाल की भस्म – आरती में सम्मिलित हुए व तब से अपने जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन अनुभव कर रहे हैं जिसके पश्चात उन्हें स्व – प्रेरणा हुई कि वे एक रजत के सुन्दर नाग देवता भगवान को अर्पित करें. इस प्रेरणा से उन्होंने भगवान श्री महाकाल के मन्दिर में सुन्दर रजत निर्मित नाग देवता भेंट किए.
रात 12 बजे तक भक्तों ने किए दर्शन
महाकाल मंदिर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए सोमवार की रात को पट खोले गए थे और 24 घंटे तक भगवान के दर्शन के लिए भक्त मंदिर में जमा रहे। 24 घंटे के दौरान भगवान चंद्रेश्वर के आठ लाख 66 हजार 390 भक्त दर्शन करने पहुंचे और यह संख्या रात नौ बजे तक सात लाख 10 हजार 113 थी यानी रात को तीन घंटे के भीतर डेढ़ लाख से ज्यादा भक्तों ने भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन लाभ लिए।
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