NIA ने कन्हैयालाल के आरोपियों पर कर्नाटक की तरह की FIR

राजस्थान के उदयपुर में भाजपा की पूर्व नेता नुपूर शर्मा के समर्थन में पोस्ट डालने पर कन्हैयालाल की हत्या के मामले में एनआईए ने एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर की विशेषता यह बताई जा रही है कि इसमें कर्नाटक में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के मामले में लगाई गई धाराओं को ही लगाया गया है। यह केस कर्नाटक के आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की तरह ही है और इसमें आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसमें अदालत ने आरोपियों के तर्क को आतंकवादी संगठन के सदस्य नहीं होने पर भी आतंकवादी कृत्य की तरह मानकर मुकदमा चलाए जाने का फैसला सुनाया था।

उल्लेखनीय है कि कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों पर एनआईए ने जांच शुरू करते हुए एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर उन्हीं धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है जो कर्नाटक में एक आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के मामलें में दर्ज की गई थी। इस मामले में कर्नाटक पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया है। इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक दिन पहले आरोपियों की याचिका पर दिए आदेश में कहा है कि किसी भी आतंकवादी संगठन के सदस्य ना होने पर पर भी ‘आतंकवादी कृत्य’ के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है। लाइव लॉ वेबसाइट ने इस केस को कवर किया है।
दरअसल एनआईए ने उदयपुर केस की जांच शुरू होने के बाद अपने बयान में कहा था कि कन्हैयालाल मर्डर केस के आरोपियों के किसी आतंकवादी संगठन से संबंध सामने नहीं आए हैं। अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि यह आवश्यक नहीं है कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 15 के तहत परिभाषित “आतंकवादी कृत्य” के लिए मुकदमा चलाया जा रहा व्यक्ति आतंकवादी संगठन का सदस्य होना चाहिए। ज‌स्टिस के सोमशेखर और जस्टिस शिवशंकर अमरनवर की खंडपीठ ने कहा, “यूएपी अधिनियम की धारा 15 के तहत परिभाषित आतंकवादी कृत्य के लिए एक व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है और यह आवश्यक नहीं है कि यूएपी अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने के लिए वह एक आतंकवादी संगठन का सदस्य होना चाहिए। एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के नाते जो आतंकवादी कृत्य में शामिल है, वह यूएपी अधिनियम की धारा 20 के तहत अपराध है।”
कन्हैयालाल मर्डर केस में एनआईए की ओर से दर्ज एफआईआर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईपीसी की धारा 452, 302, 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) और 34 और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 18 और 20 के तहत मामला फिर से दर्ज किया।
कर्नाटक केस में इन धाराओं में एनआईए ने किया चालान : कर्नाटक में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के मामले में एनआईए ने आरोपी इमरान पाशा व मोहम्मद मुजीब उल्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 109, 150, 153-ए, 302, 201 के साथ पठित धारा 34, आर्म्स एक्ट की धारा 3 और 27 5 और यूएपीए की धारा 15, 16,17, 18 और 20 के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

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