मध्य प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को बिजली की नई दरों का ऐलान कर दिया। इसके मुताबिक घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक और कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों को नहीं बढ़ाया गया है। वैसे पिछले साल की तुलना में इस बार बिजली की दरें 0.07 फीसदी बढ़ी हैं। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की नई बिजली दरों में तीन, पांच, दस हॉर्स पॉवर के कृषि उपभोक्ताओं के लिए शासन की सब्सिडी के मुताबिक ही बिजली बिल के भुगतान की व्यवस्था की गई है। ऐसे कृषि उपभोक्ताओं को पूरे साल में बनने वाले बिजली के बिल क्रमशः 29 हजार 533, 52 हजार 676 और एक लाख 11667 रुपए के स्थान पर राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली प्रति हॉर्स पॉवर 750 रुपए सब्सिडी के हिसाब से 2250, 3750 और 7500 रुपए का सालाना भुगतान करना होगा। शेष अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी जिससे किसानों को वास्तविक बिजली बिल में से सात फीसदी राशि ही चुकाना होगी।
निम्न दाब के उपभोक्ताओं को दरों में वृद्धि नहीं
विद्युत नियामक आयोग ने निम्न दाब के घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक और कृषि उपभोक्ताओं को राहत देते हुए उनकी बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की है। इसके अलावा बिजली उपभोक्ताओं को पिछले साल की तरह मीटर किराया या मीटरिंग चार्ज की वसूली नहीं की जाएगी। निम्न दाब के घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक व कृषि उपभोक्ताओं के न्यूनम प्रभार को भी समाप्त कर दिया गया है।
टीओडी टैरिफ की घोषणा
संविदा मांग वाले 10 किलोवाट के औद्योगिक व गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए टीओडी यानी समय के अनुसार टैरिफ की घोषणा की गई है। सोलर अवधि सुबह नौ से शाम पांच बजे तक 20 फीसदी की छूट और पीक अवर सुबह छह से नौ और शाम पांच से रात दस बजे तक 20 फीसदी सरचार्ज लागू किया गया है। उच्च दाब के उन उपभोक्ताओं के लिए 10 फीसदी की छूट देने की व्यवस्था की गई है जिन पर टीओडी दरें लागू हैं और उन्हें यह छूट रात दस बजे से सुबह छह बजे के उपभोग पर दी जाएगी।
ग्रीन एनर्जी जागरूकता के लिए
विद्युत नियामक आयोग ने पर्यावरण के प्रति जागरूक लोग जो केवल रिन्यूएवल एनर्जी ही जलाना चाहते हैं, उनके लिए 0.56 रुपए प्रति यूनिट अतिरिक्त भुगतान कर ग्रीन एनर्जी बिजली उपभोग करने की सुविधा दी गई है। यह पिछले साल की तुलना में 42 फीसदी कम है।
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