मध्य प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जबकि किसी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को आउटसोर्स का एम्पालाइज बना दिया गया है। ये दैनिक वेतनभोगी अपने नियमितीकरण का इंतजार कर रहे थे लेकिन नियमित करना तो दूर अब वे आउटसोर्स कर्मचारी की तरह निगम-मंडल में रह गए हैं। इस मुद्दे को आज कर्मचारियों ने सेमी गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन एमपी की बैठक में उठाया गया और जल्द ही इसके बाद अप्रैल में दो दिन निगम के दफ्तर बंद करने और आंदोलन करने का फैसला किया गया।
भोपाल में मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कारपोरेशन के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के सेमी गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन एमपी के प्रांतीय सम्मेलन में आउटसोर्स कंपनी की ठेका प्रथा पर जमकर नाराजगी जताई गई। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी एक साल में अगर 240 दिन काम करता है तो वह नियमित होना का पात्र हो जाता है। मगर वेयरहाउसिंग कारपोरेशन में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को धीरे से प्रबंधन ने आउटसोर्स एम्प्लाइज बना दिया जो किसी भी नियम से सही नहीं है। ऐसे फैसलों के खिलाफ कर्मचारियों को आंदोलन का रुख अपनाने के कर्मचारी नेताओं ने कहा।
अप्रैल में दो दिन कार्यालय बंद
सेमी गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन एमपी ने प्रबंधन दैनिक वेतनभोगियों को नियमित कराने के लिए आंदोलन का ऐलान किया है। 13 व 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के समस्त निगम मंडल बोर्ड परिषद सहकारी एवं अर्द्ध शासकीय संस्थाओं मैं कार्यरत समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा 02 दिवस हेतु कार्यालय को सामूहिक रूप से बंद रखने का आव्हान किया गया। इसके बाद एक मई को भोपाल में आंबेडकर पार्क से सीएम हाउस तक रैली निकालने का फैसला सम्मेलन में किया गया। सम्मेलन को फेडरेशन के प्रदेश अध्य़क्ष अनिल बाजपेयी, उपाध्यक्ष ओपी वर्मा, चंद्रशेखर परसाईं व अशोक पांडे ने संबोधित किया।
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