मध्य प्रदेश पुलिस की दो दागदार तस्वीरें सामने आई हैं। पहली तस्वीर पुलिस मुख्यालय के नाक के नीचे एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी द्वारा विवादित मामले को सुलझाने के लिए दुकानदार को सरेआम धमकाने की है तो दूसरी लोकायुक्त जैसी भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करने वाली एजेंसी की पुलिस की है जिसमें सरकारी अफसर को नकली नोटिस से ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। दोनों ही तस्वीरों के सामने आने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सख्त एक्शन दिखाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
भोपाल पुलिस कमिश्नरी क्षेत्र में विगत दिनों एक सहायक आयुक्त पराग खरे ने सरेआम एक दुकानदार को धमकाया। दुकानदार को दुकान खाली कराने के लिए आधा घंटे तक धमकाते रहे जिसकी सीसीटीवी कैमरे में वीडियो सामने आने के बाद पुलिस अधिकारी एक्शन में आए। पराग खरे को गृह विभाग ने निलंबित करने का आदेश जारी किया है और पीएचक्यू में उन्हें अटैच कर दिया है।
लोकायुक्त पुलिस का नकली नोटिस
लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना से स्थानांतरित एक कार्यवाहक डीएसपी योगेश कुरचानिया की गंजबासौदा के नागरिक सहकारी बैंक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरिओम भावसार को नकली नोटिस से ब्लैकमेल करने में भूमिका सामने आई। हरिओम को दो लोगों आरपी मालवीय और निकेत शर्मा नाम के दो युवकों ने कूटरचित नोटिस बनाकर आय से अधिक संपत्ति के मामले की धमकी दी और एक लाख रुपए देने की मांग की। हरिओम भावसार को शंका हुई तो वे दोनों को पुलिस थाने ले गए जहां नोटिस नकली होने पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस मुख्यालय ने कुरचानिया की मामले में संदिग्ध भूमिका होने पर उन्हें लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना से कार्यमुक्त कराते हुए निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
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