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MP के EX-CS गोपाल रेड्डी पर गिरफ्तारी की तलवार, SC ने तेलंगाना HC की अग्रिम जमानत निरस्त की

मध्य प्रदेश के ई-टेंडर घोटाले से मनी लांड्रिंग के माध्यम से प्रवर्तन निदेशालय तक पहुंचे मामले के आरोपी पूर्व मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी की अब कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। रेड्डी को तेलंगाना हाईकोर्ट ने जो अग्रिम जमानत दी थी, उसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा गोपाल रेड्डी को दी गई अग्रिम जमानत पर प्रवर्तन निदेशालय की अपील को लेकर 19 पेज का अपना जजमेंट दिया है। इसमें उन्होंने तेलंगाना हाईकोर्ट के अग्रिम जमानत के आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि मनी लॉड्रिंग का मामला गंभीर है। तेलंगाना हाईकोर्ट ने दो मार्च 2021 को रेड्डी को अग्रिम जमानत दे दी थी जिससे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के अग्रिम जमानत आदेश को खारिज कर देने से रेड्डी की गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है।
यह है पूरा मामला
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ ने 10 अप्रैल 2019 को ई-टेंडर घोटाले में एक एफआईआर दर्ज की थी जिसमें 20 आरोपी बनाए गए थे। इनमें कुछ सरकारी-अर्द्ध सरकारी अधिकारियों सहित कुछ कंपनियों के अधिकारी भी शामिल थे। इनमें हैदराबाद की एक कंपनी मेसर्स मैक्स मेंटाना माइक्रो जेवी कंपनी भी शामिल थी। मध्य प्रदेश सरकार के ई-प्रिक्योरमेंट पोर्टल को एमपीएसईडीसी द्वारा चलाया जाता था जिसकी देखरेख व संचालित करने का काम बंगलुरू की अंट्रेस सिस्टम लिमिटेड और टाटा कंसलटेंसी को पांच साल के लिए दिया गया था। ईओडब्ल्यू ने ई-टेंडर में अंट्रेस सिस्टम लिमिटेड और ओस्मो आईटी साल्यूशन के खिलाफ टेंडर में शामिल लोगों को अवैध तरीके से मदद करने का आरोपी बनाया था।
रेड्डी पर ऐसे कसा था शिकंजा
मप्र के बहुचर्चित इस घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जनवरी 2021 को मप्र जल संसाधन विभाग के ठेकेदारों के यहां छापे भी मारे थे जिसमें आरोप सामने आए थे कि वे अफसरों को रिश्वत बांटते थे। इसके बाद इन दोनों को गिरफ्तार भी किया गया था। छापों में मिले दस्तावेज और बयानों के आधार पर ईडी ने मप्र के पूर्व मुख्यसचिव एम गोपाल रेड्डी पर शिकंजा कसा था।
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