MP के हाईप्रोफाइल हनीट्रेप मामले की आरोपी आरती बंगलुरू में बनी चोरनी, अहिरवार से ऐसे बनी दयाल

मध्य प्रदेश में चार साल पहले जिस हाईप्रोफाइल हनीट्रेप मामले ने मंत्रालय के अफसरों से लेकर राजनीति के धुरंधर नेताओं और मीडियाकर्मियों को हिलाकर रख दिया था, आज उस मामले की एक आरोपी आरती दयाल फिर सुर्खियों में है। इस बार मध्य प्रदेश की सीमा लांघकर उसने कर्नाटक में अपराधिक घटना को अंजाम दिया। आरती दयाल ने कब कब कौन-से रूप रखे, पढ़िये रिपोर्ट।

आज से चार साल पहले इंदौर नगर निगम के इंजीनियर से शुरू हुए हनीट्रेप की गूंज से प्रदेश के प्रशासनिक-राजनीतिक और मीडिया के गलियारों में हड़कंप मच गया था। मंत्रालय और कुछ पुलिस अफसरों के नाम इस मामले से जुड़ी महिलाओं से जुड़े थे तो कई नेताओं संग मामले से संंबंधित महिलाओं के रिश्तों का खुलासा ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ी त्यों-त्यों होता रहा। मीडिया से जुड़े कुछ नाम भी इस मामले से जुड़े लोगों से होने की बात सामने आई थी। मगर जांच के रिकार्ड में चर्चा में रहे असरदार लोगों के नामों में से किसी के नहीं आए और मामला महिलाओं की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में चला गया। महिलाएं यहां-वहां प्रदेश के गलियारों में गुम हो गईं और अदालत में आज भी यह मामला चल रहा है जिसमें आरोपियों के जमानत पर होने के बाद से लापता हो जाने जैसी टिप्पणियां सुनी गईं।

बंगलुरू में चोरनी बनी आरती
कर्नाटक से आई सूचनाओं के बाद सुर्खियों बन रही हैं कि आरती दयाल बंगलुरू में चोरनी बन गई। उसे दस लाख के गहने और नकदी चोरी के एक मामले गिरफ्तार किया गया था। कर्नाटक पुलिस को उस समय तक उसके हाईप्रोफाइल हनीट्रेप के आरोपी होने की जानकारी नहीं थी और कर्नाटक पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस को गिरफ्तारी की सूचना दी तब उन्हें यहां से साझा सूचना में इसकी जानकारी मिली।

स्पॉ सेंटरों में बतौर थेरेपिस्ट काम करने पहुंची
यहां मिली सूचनाओं के अनुसार आरती दयाल हाईप्रोफाइल हनीट्रेप के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जमानत मिलने के बाद कर्नाटक में स्पाॅ सेंटरों में थेरेपिस्ट के रूप में काम करने पहुंच गई। वहां अपने साथियों के साथ कमरे में रुकती थी। चोरी के मामले में आरती के साथ उसके साथियों सोनू, सामंथा भी आरोपी बनाए गए हैं जिनकी पुलिस वहां तलाश कर रही है।

आरती ऐसे बनी अहिरवार से दयाल
आपको बता दें कि आरती छतरपुर जिले की रहने वाली है और उसने वहां कुछ संस्थाओं का पंजीयन करा रखा है जिनसे राजनेता व सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता जुड़े हैं। उसके पिता वृंदावन अहिरवार मूलतः यूपी के रहने वाले हैं लेकिन आरती की प्रारंभिक शिक्षा छतरपुर के नौगांव में हुई है। उसकी स्कूल की पढ़ाई के बाद 2012 में अनिल वर्मा से शादी हो गई थी लेकिन उसके खिलाफ अदालत में केस लगा दिया। तब तक आरती नाम के आगे अहिरवार ही लिखती रही लेकिन अनिल को छोड़ने के बाद वह कटनी में पंकज दयाल के साथ रहने लगी और उसने आधार कार्ड में तब आरती दयाल नाम लिखा दिया। उसके बाद से वह आरती दयाल हो गई।

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